kuno Cheetah Project: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चार दिन में दो चीतों की इंफेक्शन से मौत के बाद अब कूनो प्रबंधन की नींद खुली है और चीतों की जांच की जा रही है। जिसमें तीन और चीतों की गर्दनों पर गहरे घाव मिले हैं। जिसके बाद इन चीतों का इलाज शुरू कर दिया गया है।
घायल चीतों का इलाज शुरू
बताया जा रहा है कि ये तीनों चीते खुले में घूम रहे थे। इनमें से चीता पवन (पूर्व नाम ओबान) को पकड़कर जब बेहोश करने के बाद उसकी गर्दन पर लगे कॉलर आईडी को हटाया गया तो गहरा घाव मिला है, जिसमें कीड़े भी पड़े हुए थे। जिसके बाद चीता पवन का इलाज शुरु कर दिया गया है। कूनो पार्क में अभी 4 डॉक्टर मौजूद हैं, लेकिन 4 डॉक्टर ग्वालियर, भोपाल से और बुलाए गए हैं। जिसके बाद 2-2 डॉक्टरों की टीम चीतों को ट्रंकुलाइज करेगी और ड्रग इंजेक्ट करेगी।
इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका से भी एक्सपर्ट को बुलाया जा रहा है। क्योंकि चीतों की लगातार हो रही मौतों से कूनो पार्क का प्रशासन भी परेशान नजर आ रहा है। ऐसे में चीतों की जांच शुरू कर दी गई है। ताकि जो भी परेशानियां हो उन्हें दूर किया जा सके।
पवन की सेहत में सुधार
हालांकि कूनो नेशनल पार्क की जिम्मेदारी संभाल रहे डीएफओ का कहना है की कॉलर आईडी से ऐसा कोई इंफेक्शन नहीं हो रहा है, पवन नाम के नर चीते का ट्रीटमेंट तो हो गया है और बाकी चीजों पर निगरानी के लिए टीम लगी हुई है कूनो में सभी चीते स्वास्थ्य है पवन भी अब पहले से स्वास्थ्य है।
कूनो में बचे 15 चीते
आपको बता दें कि कूनो में कुल 20 वयस्क चीतों में से 5 की मौत के बाद अब 15 चीते बचे हैं, जिनमें 11 खुले जंगल में और 4 बाड़ों में बंद है। इन सभी को बंदूक से दवाई के इंजेक्शन लगाए जाने हैं। इसके अलावा इन चीतों पर हर वक्त नजर भी रखी जा रही है।