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कूनो में अब तक हो चुकी है 9 चीतों की मौत, जानिए कब और किस वजह से हुई इनकी मौत ?

Kuno Cheetah Project: विपिन श्रीवास्तव। कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को एक और मादा चीता की मौत हो गई, जिससे चीतों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 9 हो गया। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीतों की संख्या 20 थी। लेकिन अब तक इनमें से 6 चीते दम तोड़ चुके हैं, […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Apr 23, 2024 17:42
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Kuno Cheetah Project
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Kuno Cheetah Project: विपिन श्रीवास्तव। कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को एक और मादा चीता की मौत हो गई, जिससे चीतों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 9 हो गया। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीतों की संख्या 20 थी। लेकिन अब तक इनमें से 6 चीते दम तोड़ चुके हैं, जबकि तीन शावकों की भी मौत हो चुकी है। जिनके पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौतों का खुलासा हुआ है।

कब कब और कैसे हुई चीतों की मौत?

  • पहले चीते की मौत 26 मार्च को हुई थी। जिसका कारण किडनी इन्फेक्शन था।
  • दूसरी मौत 23 अप्रैल नर चीता उदय की हुई थी। जिसे 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से लाया गया था। वन विभाग ने दावा किया कि वह पहले से बीमार था, जिसकी मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने की वजह से हुई थी।
  • तीसरी चीते की मौत 9 मई को हुई थी, यह मादा चीता दक्षा भी 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से आई थी। मेटिंग के दौरान दक्षा घायल हो गई थी, जो उसकी मौत की वजह बनी।
  • चौथी मौत मादा चीता ज्वाला के शावक की हुई थी, जिसकी वजह ज्यादा गर्मी और डिहाइड्रेशन होना बताया गया था।
  • पांचवीं और छटवीं मौत 25 मई ज्वाला के दो और शावकों की हुई थी। जिसकी वजह अधिक तापमान और लू के चलते तबीयत खराब होने की बात सामने आई थी।
  • सातवीं मौत 11 जुलाई को साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीते तेजस की हुई थी। वन विभाग के प्रेस‌ नोट के मुताबिक तेजस की मौत गर्दन पर चोट और इन्फेक्शन से हुई थी। मौत की वजह कालर आईडी की वजह से गले में इन्फेक्शन होना भी था।
  • आठवी मौत 14 जुलाई को साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीते सूरज की हुई थी। वन विभाग के प्रेस नोट के मुताबिक मौत की वजह गर्दन और पीठ पर घाव होना है। जो कालर आई डी से हुआ था।
  • नौवीं मौत 2 अगस्त को मादा चीता धात्री ( टिबलिसी), नामीबिया से लाई गई थी, जो पार्क में मृत पाई गई थी, फिलहाल मादा चीता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी बाकी है। 

सभी की मौतों की अलग-अलग वजह 

दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में हुई 9 चीतों की मौत की वजह अलग-अलग बताई गई है। इनमें दक्षिण अफ्रीका के तीन नर और एक मादा चीता शामिल हैं। जबकि सबसे पहले नामीबिया के लाए गए 8 चीतों में दूसरी मादा चीता की अब तक मौत हुई है। इसके अलावा एक मादा चीता ने चार शावकों को भी जन्म दिया था, जिसमें से तीन शावकों की मौत हो गई।

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बता दें कि कूनो पार्क में चीतों को आए 10 महीने पूरे हो चुके हैं। सिर्फ 5 माह पहले 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों में से 4 की मौत हो चुकी है। यह चारों ही वाइल्ड थे, जिन्हें भारत लाते वक्त और क्वारंटीन के बाद बड़े बाड़ों में रिलीज करते वक्त पूरी तरह स्वस्थ्य पाया गया था। ऐसे में चीता प्रोजेक्ट को लेकर दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं।

जानिए क्या कहते हैं वन्य प्राणी विशेषज्ञ

कूनो में चीतों की होती मौत पर वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने कोऑर्डिनेशन की कमी बताई है। उनका कहना है कि भारत की टीम और साउथ अफ्रीका की टीम में समन्वय नहीं बन पाया है। इसलिए जैसी माॉनिटरिंग होनी चाहिए अब तक वैसी माॉनिटरिंग नहीं हो पाई है।

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अब कूनो में बचे 14 चीते

दरअसल, 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। इसके बाद इसी साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए थे। यानि 20 चीते नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए थे। जिनमे से अब सिर्फ 14 चीते और एक शावक ही कूनो में मौजूद है।

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(simpleeverydaymom)

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Written By

Arpit Pandey

Edited By

rahul solanki

First published on: Aug 03, 2023 05:29 PM
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