Madhya pradesh explosion (इनपुट-शब्बीर अहमद): हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में जिंदा बची पायल ने बुधवार को प्रशासन के समक्ष आप बीती सुनाई। डर से कांपती पायल ने कहा कि वह फैक्ट्री की तीसरी मंजिल पर काम कर रहीं थी। जब ब्लास्ट हुआ वह काम कर रही थीं अचानक उसने तेज धमाका सुना। जिसके बाद हर जगह बस धुंआ ही धुंआ फैल गया। हर कोई बस भागो-भागो चिल्ला रहा था।
WATCH | Harda blast survivor depicting tale of horrifying incident that occurred in the firecrackers factory on Tuesday leading more than 200 people injured. pic.twitter.com/VXuOXKtekF
---विज्ञापन---— Saurav Gupta (@saurav_7297) February 7, 2024
आगे के गेट पर गिरी थी दीवार
पायल के अनुसार वह किसी तरह अपनी जान बचाकर दूसरी मंजिल और फिर ग्राउंड फ्लोर तक पहुंची। अभी वह फैक्ट्री से बाहर निकलने के बाद मुख्य गेट की तरफ बढ़ ही रही थी कि उसने देखा कि मेन गेट आग की लपटों में घिरा हुआ है और उस पर चारदिवारी टूट कर गिर गई है। इसके बाद वह फैक्ट्री के पिछले गेट की तरफ दौड़ी और किसी तरह बाहर निकाली।
जितना तेज हो सके उतना तेज भागो..
कांपते हाथों और डर के चलते हकलाते हुए पायल बताती हैं कि जब वह पिछले गेट पर पहुंची तो वहां भगदड़ मची थी। किसी तरह वह भी बाहर निकल रहे लोगों की भीड़ में होकर गेट के बाहर पहुंची। उनका कहना था कि आगे की लपटें काफी तेज थीं। हर जगह उसकी तपिश थी, सांस लेना मुश्किल हो रहा था। जब वह गेट से बाहर निकलीं तो किसी ने पीछे से कहा ‘जितना तेज हो सके उतना तेज भागो..’ इसके बाद मानो उन्होंने भागने में अपनी पूरी शक्ति लगा दी। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
काम करती हैं तीन बहनें
पायल की मां किरण के अनुसार उनकी तीन बेटियां पायल, शांति और मोना तीन लड़कियां फैक्ट्री में काम करती हैं। हादसा जब हुआ तो तीनों अलग-अलग मंजिलों पर काम कर रहीं थी। किरण के अनुसार उन्हें कालका जी मां ने बचाया है। तीनों का इलाज चल रहा है, तीनों सुरक्षित हैं लेकिन वह काफी सदमें में हैं। रात को तीनों ने खाना नहीं खाया और वह किसी ने बात भी नहीं कर रहीं हैं। बता दें हरदा की पटाखा फैक्ट्री में 6 फरवरी को तेज धमाके के बाद आग लगी थी। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 75 लोग घायल हैं। बुधवार सुबह तक फैक्ट्री से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर अभी भी आग धधक रही है।
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