MP Politics: मध्य प्रदेश में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस प्रदेश में हर वर्ग के वोटर्स को साधने में जुटी हुई है। इस चुनाव में ग्वालियर-चंबल की 34 विधानसभा सीटें भी अहम साबित होने वाली हैं। क्योंकि यहां से जो बढ़त बनाएंगा उसके सत्ता में आने के चांस उतने ही बढ़ जाएंगे।
युवा वोट बैंक पर राजनीतिक दलों की नजर
ग्वालियर चंबल में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां युवा वोटरों के सहारे जीत की आस लगा रही है,दरअसल ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों पर 45 फ़ीसदी से ज्यादा युवा वोटरों की तादाद है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने बड़े युवा चेहरों को ग्वालियर चंबल अंचल में उतार दिया है तो वहीं बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया युवा चेहरा बन कर मैदान में डटे हैं।
45 फीसदी से ज्यादा युवा वोटर
मध्य प्रदेश में सत्ता की चाबी कहे जाने वाले ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों में 45 फीसदी से ज्यादा युवा वोटर है। ऐसे में कांग्रेस जहां बेरोजगारों को भत्ता, युवाओं को रोजगार सहित अन्य वादों को लेकर चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है तो वहीं बीजेपी को युवा नीति, युवाओं के लिए सीखो कमाओ योजना के सहारे जीत की उम्मीद है।
कांग्रेस ने दिए युवाओं को मौकेः सतीश सिकरवार
ग्वालियर चंबल में युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए कांग्रेस से जयवर्धन सिंह, लाखन सिंह, जीतू पटवारी ,कुणाल चौधरी, विपिन वानखेड़े ने मोर्चा संभाला हुआ है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि कांग्रेस ने युवाओं के लिए सबसे ज्यादा मौके दिए हैं, चाहे रोजगार की बात हो या पार्टी में काम करने वालों की कांग्रेस ने सभी जगह युवाओं का हित आगे रखा है। 2023 में उनकी सरकार बनने पर वह युवाओं के हित में ज्यादा से ज्यादा काम कर उन्हें आगे बढ़ाएंगे।
सिंधिया बीजेपी का चेहरा
ग्वालियर चंबल अंचल में भाजपा के लिए युवा वोटरों को रिझाने के लिए सबसे बड़ा चेहरा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया है। कांग्रेस के दांव पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि युवाओं के लिए सबसे ज्यादा काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है। भाजपा ने देश में युवा नीति बनाई है तो प्रदेश में युवाओं के लिए सीखो कमाओ योजना लांच की है। मंत्री भारत सिंह कुशवाह के मुताबिक कांग्रेस सिर्फ झूठे वादे करती है जबकि भाजपा जमीन पर आकर युवाओं के लिए काम कर रही है ऐसे में युवा भाजपा को ही तवज्जो देंगे और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।
सत्ता की चाबी ग्वालियर-चंबल
गौरतलब है कि साल 2018 में ग्वालियर चंबल अंचल की 34 में से 26 सीटें कांग्रेस ने जीती थी जबकि बीजेपी के खाते में 7 सीटें आई थी लेकिन 2020 में उपचुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के पास 17- 17 सीटें हो गई हैं ऐसे में 2023 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल में दोनों ही पार्टियां बढ़त लेकर प्रदेश में सत्ता तक पहुंचने की कवायद में जुटी है। लेकिन इस बार अंचल की 34 सीटों पर 45 फीसदी युवाओं की भूमिका निर्णायक होगी। ऐसे में देखना होगा कि युवा मतदाता किस पार्टी के जनप्रतिनिधि को चुनता है, साथ ही सरकार किसकी होगी।
ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट