MP News: मध्य प्रदेश में बेरोजगारों के साथ नौकरी के नाम पर ठगी और धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, राजधानी भोपाल में क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो रेलवे अधिकारी बनकर लंबे समय से बेरोजगारों को ठगने का काम कर रहे थे।
लाखों रुपए की ठगी
क्राइम ब्रांच ने बताया कि यह गिरोह रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर दो दर्जन लोगों से लाखों की ठगी कर चुका है। गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। खास बात यह है कि आरोपी ने स्वयं ही डीआरएम भोपाल के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी नियुक्ति पत्र एवं फर्जी आई कार्ड तैयार किये थे। जिससे आसानी से लोग इनके जाल में फंस जाते थे।
नियुक्ति पत्र भी देते थे ठग
जानकारी के अनुसार शातिर आरोपी भोले भाले बेरोजगारों को रेलवे में नौकरी का झांसा देकर स्वयं सील लगाकर नियुक्ति पत्र देता था। पीड़ित जब रेलवे में ज्वॉइन करने पहुंचते तो ऑर्डर फर्जी निकलने पर उन्हे ठगी होने का अहसास होता था। क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आरोपी ने 35 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। आरोपी खुद को रेल्वे भर्ती बोर्ड का अधिकारी बताता था, उसने लोगों को रेल्वे स्टेशन भोपाल का ट्रेनिंग के नाम पर विजिट भी कराया था। जिससे लोग उसे सही मानने लगते थे।
इसके अलावा इस गिरोह के लोगों ने ऑनलाइन साइट से फर्जी सील और डब्ल्यूसीआर प्रिंटेड टीशर्ट बनवाये थ। आरोपी भोपाल एवं खण्डवा से फरार होकर कोटा में बेकरी पर काम करने लगा था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक पूर्व में उसका सहयोगी गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन आरोपी करीब चार माह से फरार चल रहा था। फिलहाल गिरफ्त में आए आरोपी से क्राइम ब्रांच रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ में अन्य और ठगी के मामलों खुलासे हो सकते है।