नई दिल्ली: झारखंड के मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर आई है। इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के समन को चुनौती देने वाली प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इसी के साथ उन्हें इस मामले में अपनी बात रखने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया है।
ध्यान रहे, बीते साल लैंड माफिया, बिचौलियों और कुछ अफसरों की मिलीभगत से रक्षा मंत्रालय की जमीन के फर्जी कागजात तैयार किए जाने का मामला उठा था। इस मामले में 17 नवंबर 2022 को इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन से लगभग 9 घंटे तक पूछताछ की थी। इससे पहले सोरेन के पूर्व राजनैतिक सहयोगी पंकज मिश्रा समेत कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। 3 नवंबर 2022 को सोरेन को समन जारी किया गया, लेकिन वह ED की जांच में पेश नहीं हुए।
मनी लॉन्ड्रिंग के में ED के रांची कार्यालय ने हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए फिर से समन जारी किया तो बयान दर्ज कराने की बजाय इस समन को सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट चुनौती देने का मन बना लिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
हालांकि इससे पहले हेमंत सोरेन के वकील मुकुल रोहतगी ने दावा किया कि यह मामला पूरी तरह से जान-बूझक फंसाने का है। इस पर न्यायपीठ ने रोहतगी से सवाल किया आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? हम आपको याचिका खारिज करने की इजाजत देते हैं। इसके बाद पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया। दूसरी ओर इस मामले में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू उपस्थित रहे।