नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार 2025 तक यमुना की सफाई पूरी करने, हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने और सभी अनाधिकृत कॉलोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीजेबी की 163वीं बोर्ड बैठक में कई अहम बड़े फैसले लिए। घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं के पानी के बिल पर लगाया गया लेट पेमेंट सरचार्ज (एलपीएससी) लास्ट रीबेट स्कीम के तहत माफ कर जनता को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया। इसके अलावा साल 2025 तक यमुना को साफ करने के लिए अपशिष्ट जल सेवाओं को बेहतर बनाने और 24 घंटे दिल्ली की जनता को साफ पानी मुहैया कराने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 869 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसके तहत नजफगढ़ व केशोपुर में मौजूदा एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा। वहीं, बादली क्षेत्र में बनेगा 17 एमजीडी वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में 46 किमी लंबी सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी। इन परियोजनाओं से यमुना में गंदा पानी गिरने से रोका जा सकेगा।
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इन सभी प्रोजेक्ट्स पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “दिल्ली की जनता को पानी के बकाया बिलों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। पानी के बकाया बिलों पर लगने वाली लेट फीस(लेट पेमेंट सरचार्ज) 31 दिसम्बर 2022 तक के लिए 100% माफ़ रहेगी। यानि आप बिना लेट फीस की चिंता किए अपने पुराने बकाया बिल भर सकते है| उन्होंने ट्वीट कर बताया कि, यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इसके तहत केशोपुर व नजफगढ में गिरने वाले 85 एमजीडी सीवर को रोज़ाना साफ़ कर नजफगढ नाले में डाला जाएगा। इससे यमुना के पानी का प्रदूषण 30% तक घटेगा और यह कदम यमुना साफ़ करने में बहुत मददगार साबित होगा साथ ही बादली, निगम बोध व मोरी गेट नालों पर कुल 55 एमजीडी के सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाए जाएँगे। इससे इन नालों का गंदा पानी यमुना में नहीं जाएगा।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न इलाकों में पानी की पुरानी पाइपलाइन बदकर नई पाइपलाइन बिछाने, विभिन्न क्षेत्रों में वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने व सभी लोगों के घरो में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। साल 2020-21 के दौरान कोरोना महामारी के चलते बड़ी संख्या में लोगों को महामारी के साथ-साथ गंभीर आर्थिक संकट झेलना पड़ा था। इसी को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि रीबेट स्कीम के तहत पानी के बिल पर एलपीएससी को माफ करके लोगों को अपना बकाया भुगतान करने का मौका दिया जाए। लंबे समय से बकाया पानी के बिल की वसूली सुनिश्चित करने के लिए, दिल्ली सरकार ने सभी उपभोक्ताओं यह तोहफा दिया है।
पानी के बिल पर लेट पेमेंट सरचार्ज किया जाएगा माफ
साल 2020-21 के दौरान कोरोना महामारी चरम पर थी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को महामारी के साथ-साथ गंभीर आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ा। इस कारण ज्यादातर उपभोक्ता अपने बकाया बिल का भुगतान नहीं कर पाए। बाद में एलपीएससी बार-बार लगने से बकाया राशि बहुत ज्यादा बढ़ गई और उपभोक्ता पानी का बिल भरने में सक्षम नहीं हो पाए। इसी को देखते हुए उपभोक्ताओं, चुने हुए प्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों और कई सरकारी संस्थानों ने अपील की थी कि पानी के बिल पर एलपीएससी को माफ करके लोगों को अपना बकाया भुगतान करने का मौका दिया जाए। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने बोर्ड ने घरेलू और वाणिज्यिक बिलों पर लेट पेमेंट सरचार्ज (एलपीएससी) की छूट को मंजूरी दी।
उल्लेखनीय है कि करीब 27 हजार करोड़ से अधिक का बकाया है, जिसमें से करीब 22 हजार करोड़ लेट पेमेंट सरचार्ज एलपीएससी शुल्क हैं और 5 हजार करोड़ रुपये प्रिंसिपल कंपोनेंट हैं। एलपीएससी की राशि माफ करने के लिए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सीएम अरविंद केजरीवाल को कई अनुरोध प्राप्त हुए, ताकि बड़े बिलों का भुगतान करने में असमर्थ उपभोक्ताओं को राजस्व नेटवर्क में लाया जा सके।
इन नियमों और शर्तों का उपभोक्ताओं को करना होगा पालन
1. 100 फीसद एलपीएससी छूट केवल उन उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी, जो 31.12.2022 को या उससे पहले एलपीएससी छूट योजना के तहत अपने बकाया बिल का भुगतान करेंगे।
2. 75% एलपीएससी छूट उन उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी, जो 01.01.2023 से 31.03.2023 की अवधि के दौरान एलपीएससी छूट योजना के तहत अपने बकाया बिल का भुगतान करेंगे।
3. चूंकि, पानी के मीटर को लगाने और बदलने की जिम्मेदारी अब दिल्ली जब बोर्ड की है और उपभोक्ताओं के सभी खराब पानी के मीटर को एक बार में बदलना व्यावहारिक नहीं है, ऐसे में 30.09.2022 तक जिन उपभोक्ताओं के पानी के बिल पर लेट पेमेंट सरचार्ज लगा है उन्हें भी लास्ट रीबेट स्कीम के तहत छूट मिलेगी। हालांकि, उपभोक्ता को बकाया राशि का मूलधन पूरा चुकाना होगा, तभी वो लास्ट रीबेट स्कीम का फायदा उठा पाएगा। इसके अलावा, योजना की अवधि के दौरान कोई एलपीएससी नहीं लगाया जाएगा।
4. यह योजना 31 मार्च 2023 तक प्रभावी रहेगी।
यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नजफगढ़ व केशोपुर में मौजूदा एसटीपी को किया जाएगा अपग्रेड
2025 तक यमुना को साफ करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो सीधे यमुना के पानी की गुणवत्ता को प्रभावित करेगी। इन परियोजनाओं के तहत नजफगढ़ में मौजूदा 5 एमजीडी एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा केशोपुर फेज-2 (20 एमडीजी) और फेज-3 में 40 एमजीडी एसटीपी की क्षमता 60 एमजीडी तक बढ़ाकर अपग्रेड किया जाएगा। करीब 567 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना से 53 हजार किलोग्राम कचरे का प्रवाह को यमुना में जाने से रोका जा सकेगा। साथ ही यमुना में छोड़े जाने से पहले अपशिष्ट जल से अमोनिया फॉस्फेट जैसे हानिकारक पोषक तत्वों को हटाने में मदद करेगी। जहां नजफगढ़ नाला यमुना में प्रदूषण का एक मुख्य स्त्रोत है, ऐसे में इस परियोजना से करीब 25 फीसद यमुना के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री ने परियोजना को मंजूरी देते हुए शोधित पानी के पुनर्चक्रण और दोबारा इस्तेमाल उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि इन एसटीपी से आने वाला उपचारित पानी बेहत उपयोगी है जिसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
बादली क्षेत्र में बनेगा 17 एमजीडी वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट पंपिंग स्टेशन
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली के बादली एसी-5 में विजय चौक के पास गुरु नानक देव कॉलोनी में 28 करोड़ रुपये की लागत से 17 एमजीडी वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट पंपिंग स्टेशन (डब्ल्यूडब्ल्यूपीएस) का निर्माण किया जा रहा है। इससे 6.3 एमजीडी सीवेज को आगे भेजने से पहले सही से ट्रीट किया जा सकेगा। यह मार्च, 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 17 एमजीडी वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट पंपिंग स्टेशन से 13 अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले 2.1 लाख लोगों को फायदा होगा। साथ ही 7400 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के निवासियों को भी लाभ होगा। इस परियोजना के तहत अपशिष्ट जल को कोरोनेशन एसटीपी में पंप किया जाएगा, जहां इसे उच्च गुणवत्ता वाले सीपीसीबी क्लास- ए के पानी में अपग्रेड किया जाएगा, जोकि सीधे पाइपलाइन के माध्यम से यमुना में छोड़ा जाएगा।
निगम बोध और मोरी गेट ड्रेन में सीवेज पंपिंग स्टेशन का किया जाएगा निर्माण
दिल्ली के निगम बोध में 20 एमजीडी सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाने का फैसला लिया गया है, जिसकी लागत 42 करोड़ रुपये है। वर्तमान में निगम बोध एसपीएस काफी पुराना और जर्जर हालत में है। नालों में फंसने के कारण एसपीएस से डिस्चार्ज में बढ़ोतरी को देखते हुए मौजूदा एसपीएस की क्षमता को 20 एमजीडी तक बढ़ाने की जरूरत है। वहीं, मोरी गेट ड्रेन में 18 एमजीडी सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा, जिसमें करीब 72 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मोरी गेट ड्रेन में करीब 10 एमजीडी का प्रवाह होता है, जो सीधे कश्मीरी गेट के पास यमुना नदी में गिरता है। 5.6 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाकर ड्रेन कोरोनेशन एसटीपी में डायवर्ट किया जाएगा, जहां इसे ट्रीट किया जाएगा। यह परियोजना 1 साल में पूरी होगी। इससे यमुना में बहने वाले 18 हजार किलोग्राम कचरे का भार कम होगा।
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में बिछाई जाएगी सीवरेज लाइन
दक्षिण दिल्ली में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के चंदनहोला और सतबारी में 300 मिमी से 500 मिमी व्यास की 46 किमी लंबी सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट की लागत 54 करोड़ रुपये है। फिलहाल, यहां सीवरेज लाइन नहीं होने की वजह से गंदा पानी तालाबों-सेप्टिक टैंक और आखिर में यमुना नदी में गिरता है। सीवर लाइन बिछने के बाद इलाके के करीब 18 हजार लोगों को सीवर की समस्या खत्म से राहत मिलेगी। साथ ही सीवर लाइन के जरिए 19 लाख लीटर सीवर का प्रवाह होगा।
2025 तक यमुना को पूरी तरह साफ करना केजरीवाल सरकार का मुख्य लक्ष्य
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि पानी व सीवर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना सरकार का काम है। लोग टैक्स देते हैं, इस कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पर उनका हक है। दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को अगले तीन साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है। यमुना क्लीनिंग सेल नए एसटीपी, डीएसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि, अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना, सेप्टेज प्रबंधन; ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों की गाद निकालना, पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना, आइएसपी के तहत नालों की ट्रैपिंग, नालियों का इन-सीटू ट्रीटमेंट आदि कार्यों कर रही हैं, ताकि दिल्लीवालों को कोई परेशानी न झेलनी पड़़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें।
ओखला फेज-VI में 30 एमजीडी एसटीपी के संचालन व मेंटेनेंस के प्रोजेक्ट को मंजूरी
स्वच्छ यमुना के लिए पीपीपी मॉडल पर ओखला फेज- VI में अगले 10 वर्षों की अवधि के लिए नए 30 एमजीडी एसटीपी का संचालन और मेंटेनेंस की परियोजना को मंजूरी दी है। इसमें करीब 106 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केजरीवाल सरकार ने यमुना तक साफ पानी पहुंचाने के उद्देश्य से इस परियोजना को मंजूरी दी है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार दिल्ली के विभिन्न वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने के साथ उन्हें अपग्रेड कर रही है, जिससे गंदे पानी को उपचारित किया जा सकेगा और यमुना साफ होगी। कई एसटीपी टीएसएस-10 मिलीग्राम प्रति लीटर के अपशिष्ट प्रवाह मानकों के साथ नवीनतम तकनीक से बनाए गए हैं, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस हटाने के साथ-साथ कीट भी मारे जा सकते हैं।
डीजेबी में 40 जूनियर इंजीनियर्स की होगी भर्ती
दिल्ली जल बोर्ड में 40 जूनियर इंजीनियर्स की भर्ती की जाएगी। इन पदों के लिए दिल्ली स्टॉफ सेलक्शन बोर्ड से सलेक्ट करके जूनियर इंजीनियर्स की तैनाती होगी। इससे रोजगार के साथ साथ दिल्ली जल बोर्ड द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों में ओर तेजी आएगी। साथ ही लोगों की समस्याओं का समाधान भी हो जल्द से जल्द करने में मदद मिलेगी।
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