Shimla Jain Temple: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जैन मंदिर में भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। मंदिर में शॉर्ट ड्रेस पहनकर आने वाले भक्तों को एंट्री नहीं देने की बात कही गई है। मंदिर प्रशासन ने अनुशासन, मर्यादा और हिंदू संस्कृति के मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता का हवाला देते हुए इसे जरूरी बताया है।
श्री दिगंबर जैन सभा की ओर से संचालित ये मंदिर जैन समुदाय के लोगों में लोकप्रिय है। मंदिर प्रशासन ने हाल ही में नए ड्रेस कोड के बारे में मंदिर के बाहर एक नोटिस लगाया था। नोटिस में लिखा गया था कि सभी महिलाएं और पुरुष शालीन कपड़े पहनकर मंदिर आएं। छोटे कपड़े, हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, फटी जींस, फ्रॉक और तीन चौथाई जींस आदि पहनने वालों को मंदिर परिसर के बाहर ही पूजा अर्चना करनी चाहिए।
जैन मंदिर के पुजारी ने कही ये बात
जैन मंदिर के एक पुजारी ने शनिवार को कहा कि यह फैसला महिलाओं में बदलते फैशन और पहनावे की पसंद और हिंदू समाज में मूल्यों के क्षरण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि मर्यादा, अनुशासन और मूल्यों को बनाए रखने के लिए निर्णय लेना था। मंदिर जाने वाले किसी भी व्यक्ति को सभ्य कपड़ों में होना चाहिए। हमने हाफ पैंट, हाफ कपड़े, मिनीस्कर्ट और फटी जींस आदि पहनने वाले लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
पुजारी ने कहा कि पहले हमारे बुजुर्ग सभ्य कपड़ों में मंदिरों में जाते थे, लेकिन अब युवा लड़के और लड़कियों के साथ-साथ वयस्क महिलाएं भी कम लंबाई के कपड़ों में मंदिरों में जाती हैं। यह अच्छा नहीं है। जैन मंदिर शिमला के एक पुजारी पंडित संजय कुमार जैन ने कहा, पश्चिमी आदतों और संस्कृति का प्रवाह हमारे धार्मिक मूल्यों का क्षरण कर रहा है।
मंदिर प्रशासन के फैसले पर भक्त क्या बोले?
एक भक्त ने कहा, “यह 100 साल पुराना मंदिर है। यह फैसला हमारी परंपरा को दर्शाता है। छोटे कपड़ों में मंदिर जाने वाले इन पूजा स्थलों से जुड़े रीति-रिवाजों और परंपराओं का उल्लंघन कर रहे हैं।”
एक अन्य भक्त हर्ष जैन ने कहा, “हमारी संस्कृति इसकी अनुमति नहीं देती है (कम लंबाई के कपड़े पहनना)। जब मंदिरों की बात आती है, तो नियमों का पालन करने की आवश्यकता होती है। हम पश्चिमी संस्कृति को अपना रहे हैं और अपने को भूल रहे हैं।”
बता दें कि हाल ही में, नई दिल्ली में प्रतिष्ठित जामा मस्जिद के रखवालों ने एक विवादास्पद नोटिस लगाया था, जिसमें महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जब तक कि उनके पुरुष साथी उनकी सुरक्षा में न हों। हालांकि, सोशल मीडिया पर विरोध और आक्रोश को देखते हुए नोटिस को हटा लिया गया।