Himachal Pradesh Weather Update: हिमाचल प्रदेश में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार रात को फिर से हुई मूसलाधार बारिश के बाद मंगलवार (22 अगस्त) को कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे बंद हो गया। इसके कारण 700 से ज्यादा वाहन फंस गए। मंडी एसपी सौम्या साम्बशिवन ने बताया है कि हाल ही में हुए भूस्खलन के कारण रास्ता टूट गया है। लिंक रोड बनाकर वाहनों को निकाला जा रहा है।
हिमाचल में बारिश की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने पंडोह डैम के आसपास वाहनों की आवाजाही रोक दी है। ट्रैफिक को कमांद-बजौरा मार्ग से डायवर्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाईवे के वैकल्पिक मार्ग पर यातायात की बहाली मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगी।
रोजाना तीन घंटे बंद रहेगा हाईवे
मंडी के डिप्टी कमिश्नर अरिंदम चौधरी ने आदेश दिया है कि मंडी-कुल्लू हाईवे की मरम्मत के लिए प्रतिदिन 3 घंटे ट्रैफिक को बंद रखा जाए। इस मानसून में बादल फटने और भूस्खलन के कारण मंडी-कुल्लू राजमार्ग 6-मील और 9-मील के बीच बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। तय कार्यक्रम के अनुसार, यह हाईवे मरम्मत के लिए रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगा।
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280 से ज्यादा सड़कें बाधित
आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के मुताबिक राज्य में तीन नेशनल हाईवे समेत 280 से ज्यादा सड़कें बाधित हो गई हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 162, शिमला में 31 और कुल्लू में 25 सड़कें अवरुद्ध हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बरोटीवाला इलाके के माजरी गांव के घरों में दरारें आने से 17 परिवार बेघर हो गए। कटल पकोटी गांव में भी कई मकानों में दरारें आ गई हैं। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। साथ ही अधिकारी लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं।
3 दिन के लिए फिर अलर्ट जारी
शिमला मौसम केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि मंगलवार को राज्य भर में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बुधवार और गुरुवार के लिए ऑरेंज अलर्ट है। भारी बारिश से भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की भी चेतावनी है। कहा गया है कि सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं। आवश्यक सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
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बारिश से पहाड़ों की इंडस्ट्री का भारी नुकसान
हिमाचल प्रदेश के बद्दी और परवाणु जैसे औद्योगिक केंद्रों में हाल ही में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से कई औद्योगिक इकाइयों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है। परवाणू इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (पीआईए) के महासचिव सार्थक तनेजा ने कहा कि लगातार बारिश और बादल फटने से क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।