Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) भी जल्द ईंधन वाहनों से मुक्त होने वाला है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को रायपुर में कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में कहा कि राज्य सरकार डीजल और पेट्रोल से निकलने वाले धुएं की समस्या का समाधान खोज रही है।
हिमालयी वनस्पति और जीव संरक्षित होंगे
उन्होंने कहा कि इससे होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Electric Vehicle Policy) को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के हिमालयी वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। साथ ही हिमालय के ग्लेशियरों के घटने के क्रम को भी कम किया जाएगा।
तेल की निर्भरता कम होगी
सीएम सुक्खू ने दावा किया कि ई-वाहनों पर स्विच करने से भारत की तेल आयात निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के अलावा शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।
हिमाचल रोजवेज के बेड़े में जल्द होंगी ई-बसें
सीएम ने कहा कि जीवाश्म ईंधन आधारित वाणिज्यिक बेड़े को भी चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा। सरकार ने निकट भविष्य में हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी बसों के पूरे बेड़े को ई-बसों से बदलने की योजना बनाई है।
2025 तक राज्य को हरित ऊर्जा की ओर ले जाना है
सीएम सुक्खू ने अन्य कांग्रेस शासित राज्यों से भी इस दिशा में पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश 2025 तक पूरी तरह से ई-वाहनों में बदल जाएगा। यह न केवल पर्यावरण को बचाएगा बल्कि राज्य के खजाने पर वित्तीय बोझ को भी कम करेगा। हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता 2025 तक राज्य को हरित ऊर्जा की ओर ले जाना है।