IPS Puran Kumar Case: हरियाणा के IPS पूरन कुमार की मौत के मामले में चंडीगढ़ पुलिस अब जांच के लिए फॉरेंसिक टीम की मदद लेना चाहती है. दरअसल, पुलिस का मानना है कि पूरन कुमार के लैपटॉप की जांच की जाए तो कई बड़े राज खुल सकते हैं. मगर अब तक उनके परिवार ने लैपटॉप पुलिस टीम को नहीं दिया है. बता दें यहां उसी लैपटॉप की बात हो रही है जिसमें आईपीएस ने सुसाइड नोट टाइप किया था.
लैपटॉप से सुलझ सकती है मौत की गुत्थी
पुलिस और फॉरेंसिक टीम का मानना है कि अगर वह लैपटॉप मिल जाए तो उसमें से उन्हें पूरन कुमार के ईमेल और टाइपिंग से फिंगरप्रिंट भी मिलेंगे. इससे काफी हद तक कथित सुसाइड नोट की प्रमाणिकता की भी पुष्टि हो जाएगी. फिंगरप्रिंट और ईमेल ट्रेसिंग से यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि क्या वे पहले से भी ऐसी कुछ योजना कर रहे थे.
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6 दिन बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हुआ
पूरन कुमार की मौत को पूरे छह दिन हो चुके हैं. परिवार अड़ा हुआ है की डीजीपी समेत कुछ अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी होगी उसके बाद ही पोस्टमार्टम की अनुमति देंगे. मगर पुलिस का स्पष्ट कहना है कि शव का पोस्टमार्टम न होने के चलते जांच टीमों को और भी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पोस्टमार्टम से काफी बातों के बारे में पता चल जाता है.
इसलिए कार्रवाई भी अटकी हुई है. हालांकि, परिवार के सहमत न होने के बाद भी पुलिस जिला मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कानूनी रूप से शव का पोस्टमार्टम करवा सकती है क्योंकि ज्यादा समय बीतने से सबूत भी नष्ट हो जाते हैं. अब पोस्टमार्टम पीजीआई चंडीगढ़ की मेडिकल टीम द्वारा करवाया जाएगा.
बैलिस्टिक जांच होने की संभावना
माना जा रहा है कि बैलिस्टिक जांच से शव के पास बरामद की गई गोली और पिस्तौल के खोखे की मैचिंग की जाएगी. यह अब जरूरी हो गया है क्योंकि मृतक के शरीर पर गन पाउडर से मिलने वाले सबूत अब शायद न मिल सकें.
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