नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने राज्य सरकार के अस्पतालों में चिकित्सा और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक नई ड्रेस कोड पॉलिसी लागू की है। इसके तहत जींस, प्लाजो पैंट और स्कर्ट को बैन कर दिया गया है। साथ ही महिला कर्मचारियों को आभूषण या भारी श्रृंगार नहीं करने देने की सलाह दी गई है। पुरुषों से कहा गया है कि वे अपने बालों को अपनी शर्ट के कॉलर से ज्यादा लंबा न करें। इस नीति में महिला डॉक्टरों को अपने नाखून लंबे करने से भी मना किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी डॉक्टर स्वेटशर्ट, डेनिम स्कर्ट, शॉर्ट्स, स्ट्रेचेबल टी-शर्ट या पैंट, बॉडी-हगिंग पैंट, वेस्ट-लेंथ टॉप, स्ट्रैपलेस टॉप, बैकलेस टॉप, क्रॉप टॉप, डीप-नेक टॉप, ऑफ-शोल्डर ब्लाउज और स्नीकर्स या चप्पल नहीं पहन सकता है।
डॉक्टरों ने कहा- यह एक अच्छा निर्णय
इस मामले पर न्यूज एजेंसी एएनआई से डॉ. मधुलिका ने कहा- “मुझे लगता है कि कार्यस्थलों पर एक ड्रेस कोड होना चाहिए। यह एक अच्छा निर्णय है। पेशेवरों के रूप में डॉक्टरों के रूप में, हमें सरल और सभ्य कपड़ों में रहने की आवश्यकता है। ताकि रोगी सहज हों। चूड़ियां और अंगूठियां संक्रमण फैला सकती हैं।”
Haryana govt announces a new dress code policy for medical &non-medical staff in state govt hospitals. Jeans, palazzo pants, skirts banned; female staff to not wear jewellery or heavy makeup, while male staff to not grow their hair long
---विज्ञापन---Visuals from Dist Civil Hospital in Rohtak pic.twitter.com/HLEtKpyWWa
— ANI (@ANI) February 10, 2023
इसलिए लिया गया फैसला
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने निजी अस्पतालों का उदाहरण दिया जहां आसान पहचान के लिए हर किसी के पास अपनी यूनिफॉर्म होती है। उनके अनुसार कई बार अस्पतालों में डॉक्टरों और मरीजों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए स्टाफ मेंबर्स के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। यह स्टाफ के सदस्यों के दृष्टिकोण को बढ़ाएगा और रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त अस्पताल के कर्मचारियों के सदस्यों को भी नाम टैग पहनने के लिए कहा गया है। सुरक्षा कर्मचारियों, वाहन चालकों, स्वच्छता कर्मचारियों और रसोई में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी एक समान नियम घोषित किया गया है।
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