हरियाणा के भिवानी में प्ले स्कूल टीचर मनीषा के अंतिम संस्कार के बाद DGP शत्रुजीत कपूर का बयान आया है। उन्होंने कहा कि अब पुलिस इस मामले की जांच नहीं करेगी। परिवार की मांग पर इस केस की जांच CBI को सौंप दी गई है। डीजीपी ने दावा किया है कि केस को CBI को पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की काबिलियत पर कोई सवाल उठाना नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन पुलिस कर्मियों ने मनीषा के परिवार से गलत व्यवहार किया है उनकी भी विभागीय जांच चल रही है।
4 सवालों के नहीं दिए जवाब, बोले-मनीषा ने खरीदा था जहर
वहीं डीजीपी मनीषा के मोबाइल की चैट, जहर खाने, खिलाने और सुसाइड नोट से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि अब इस केस की पूरी जांच CBI द्वारा की जाएगी। ऐसे में इन तथ्यों की डिटेल अब हम नहीं बता सकते हैं। हां इतना जरूर बताएंगे कि मनीषा ने एक दुकान से जहरीली दवा ली थी। सीसीटीवी में वो दवा लेते दिख रही है। दुकानदार ने भी इस बात को माना है कि मनीषा ने जहरीला दवा खरीदी थी।
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सामाजिक लोगों ने किया अच्छा काम
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि परिवार की मांग व जनभावनाओं को देख सरकार ने ये केस सीबीआई को दिया है। इसके पिछे पुलिस की जांच, डॉक्टरों या वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर कोई संशय या सवाल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले के दौरान कुछ सामाजिक लोगों ने अच्छा काम किया। लेकिन कुछ लोगों ने पब्लिसिटी पाने के लिए व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। ऐसे कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और बाक़ी को चिह्नित किया जा रहा है।
पुलिस अब तक की जांच रिपोर्ट CBI को सौंपेगी
13 अगस्त से 21 तारीख तक पुलिस ने मनीषा केस की जांच की है। पुलिस ने इस दौरान मनीषा की बॉडी का 3 बार पोस्टमार्टम कराया है। इसके अलावा पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर भी पूछताछ की है। वहीं अब इस मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। पुलिस अब इस केस से जुड़े सभी दस्तावेजों को CBI को सौंप देगी।
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