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BJP प्रत्याशियों के लिए प्रचार बना ‘सिरदर्द’, मुंह पर लगाई शर्त; तुम हारोगे…ऐसा था पूर्व मंत्री का रिएक्शन

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। बीजेपी की ओर से सभी 90 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है। लेकिन फिर से उसके कैंडिडेट्स के आगे लोकसभा चुनाव वाली स्थिति पैदा हो गई है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 12, 2024 18:31
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Haryana Assembly Elections 2024

Haryana Assembly Elections: हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित होने हैं। जिसके बाद कैंडिडेट्स ने नामांकन के बाद प्रचार तेज कर दिया है। लेकिन बीजेपी प्रत्याशियों के सामने लोकसभा चुनाव जैसी स्थितियां पैदा हो गई हैं। उनको किसान गांवों में घुसने पर आपत्ति जता रहे हैं। प्रत्याशियों के सामने मुंह पर शर्त लगाई जा रही है कि वे हारेंगे। पूर्व मंत्री अनूप धानक का विरोध उकलाना में हो रहा है।

नारनौंद में कैसी है स्थिति?

वहीं, नारनौंद में पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के साथ भी ऐसी स्थिति आ रही है। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान उनको गांव में घुसने से रोक दिया गया था। माना जा रहा है कि अब भी कई गांवों में उनके खिलाफ आवाज उठ रही है। अनूप धानक से लोग पिछले 10 साल का हिसाब मांग रहे हैं। वे प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, उनसे स्थानीय नेताओं ने भी दूरी बना रखी है। अनूप पहली बार 2014 में विधायक बने थे। 2019 में इनेलो से निकली जेजेपी में वे आ गए। विधानसभा चुनाव के बाद मनोहर की सरकार में मंत्री बने थे।

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अब वे बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। जिनको टिकट मिला है। श्यामसुख गांव में प्रचार के दौरान लोगों ने उनका विरोध किया। किसानों की मौत और लाठीचार्ज को लेकर सवाल दागे। किसानों ने पानी के मुद्दे पर घेरा। साबरवास गांव में भी धानक का विरोध हुआ। एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें एक शख्स हाथ पकड़कर उनको जीत न मिलने की शर्त लगाने का दावा कर रहा है। हालांकि वीडियो की पुष्टि न्यूज24 नहीं करता है।

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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ले चुकी लीड

लोकसभा चुनाव को चंद माह हुए हैं। तब नारनौंद हलके के गुराना, मसूदपुर, डाटा, खानपुर गांवों में कैप्टन को घुसने से रोकने की कोशिश की गई थी। लोगों ने नारेबाजी कर किसान विरोधी आरोप लगाए थे। अब सामने आ रहा है कि इन गांवों में उनके लिए स्थिति बदली नहीं है। कैप्टन 2014 में यहां से जीते थे। जिसके बाद वित्त मंत्री बने। 2019 में हार गए थे। हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस हलके से कांग्रेस को अच्छी लीड मिली थी। जिसका खामियाजा बीजेपी उम्मीदवार रणजीत चौटाला को उठाना पड़ा था।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 12, 2024 06:31 PM

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