Why Gujarat Resident Doctors on Strike: गुजरात भारत के उन राज्यों की लिस्ट में टॉप पर आता है, जहां डॉक्टर को सबसे ज्यादा स्टाइपेंड दिया जाता है। इसके बाद भी आखिर क्यों रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं? इन दिनों एक बार फिर से राज्य के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। राज्य के रेजिडेंट डॉक्टरों का आरोप है कि प्रदेश की सरकार ने स्टाइपेंड में बहुत कम बढ़ोतरी की है। वहीं इस पर सरकार का कहना है कि गुजरात के डॉक्टरों को देश के बाकी राज्यों के मुकाबले काफी ज्यादा स्टाइपेंड दिया जा रहा है।
रेजिडेंट डॉक्टरों की शिकायत
रेजिडेंट डॉक्टरों की शिकायत है कि राज्य सरकार द्वारा 5 साल में स्टाइपेंड को 40 फीसदी बढ़ना चाहिए था, लेकिन उन्होंने स्टाइपेंड में सिर्फ 20 फीसदी ही बढ़ोतरी की है। इसके अलावा जो स्टाइपेंड 3 साल के लिए दिया जाना था उसे 5 साल के लिए दिया गया। इस वजह से गुजरात के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं।
गुजरात सरकार का जवाब
गुजरात सरकार द्वारा हाल ही में स्टाइपेंड बढ़ोतरी को लेकर प्रेस रिलीज जारी की गई। प्रेस रिलीज में बताया कि राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों की स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की गई है। अब सभी इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों को पहले मिलने वाले स्टाइपेंड में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इस घोषणा के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने राज्य सरकार से स्टाइपेंड में 40 प्रतिशत बढ़ोतरी के लिए कहा। इसके साथ ही एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने की धमकी भी दी है।
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गुजरात में रेजिडेंट डॉक्टरों की स्टाइपेंड
राज्य सरकार ने रेजिडेंट डॉक्टरों की इस हड़ताल और मांग को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से राज्य के रेजिडेंट डॉक्टरों को 1 लाख रुपये से ज्यादा का स्टाइपेंड दिया जा रहा है, उसमें भी सरकार ने 20 फीसदी बढ़ोतरी कर 1,30,000 रुपये कर दिया है। देश के कई राज्यों में 40 हजार से 70 हजार के स्टाइपेंड के मुकाबले गुजरात में रेजिडेंट डॉक्टरों को दिया जाने वाला स्टाइपेंड 1 लाख रुपये से भी ज्यादा है।