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Morbi Bridge Collapse: क्यों टूटा मोरबी ब्रिज, क्या थी हादसे की वो वजहें? जानें

Morbi Bridge Collapse: 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल में 300 से 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे। कुछ सेल्फियां लेने में व्यस्त थे, कुछ ब्रिज को झूला समझकर जान बूझकर हिला रहे थे और तभी अचानक पुल टूट गया। हादसे में 141 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 177 लोगों का रेस्क्यू […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Nov 1, 2022 12:00
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Morbi Bridge Collapse: 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल में 300 से 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे। कुछ सेल्फियां लेने में व्यस्त थे, कुछ ब्रिज को झूला समझकर जान बूझकर हिला रहे थे और तभी अचानक पुल टूट गया। हादसे में 141 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 177 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। मृतकों में महिलाएं और 30 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं। मामले में पुल का देखभाल करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

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पुल के नदी में गिरने की ये हैं वजहें

स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ युवा जान बूझकर पुल को हिला रहे थे, ये देखकर हम बीच रास्ते से ही लौट गए। कुछ लोगों ने बताया कि ये घूमने की अच्छी जगह है। दिवाली में यहां के लोगों के घरों में बाहर से लोग आए थे जो रविवार शाम को इस पुल पर घूमने पहुंचे थे। इसी दौरान पुल टूटकर गिर गया।

एक स्थानीय शख्स ने बताया कि पुल पर 100 लोगों के जाने की क्षमता है लेकिन रविवार शाम को पुल पर करीब 500 लोगों की भीड़ मौजूद थी। इस दौरान पुल लोगों का भार नहीं सह पाया और टूटकर नदी में गिर गया।

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जल्दबाजी में चालू किया गया ये ब्रिज

बताया जा रहा है कि मोरबी पुल को मरम्मत के लिए पिछले कुछ महीनों से बंद रखा गया था। मरम्मत के बाद गुजराती नववर्ष यानी 26 अक्टूबर को ही यह दोबारा खुला था। मोरबी के नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह झाला ने दावा किया है कि अधिकारियों की अनुमति के बिना पुल को फिर से खोल दिया गया था।

अनुभवहीन कंपनी को दिया देखरेख का जिम्मा

कांग्रेस के सीनियर नेता पवन खेड़ा ने दावा किया है कि इस ब्रिज की देखरेख का जिम्मा एक ऐसी कंपनी को दिया था जिसे कोई अनुभव नहीं था। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी को ब्रिज के रखरखाव का जिम्मा दिया गया था वह अजंता ओरेवा ग्रुप ऑफ कंपनीज दीवार घड़ी, एलईडी बल्ब और मच्छर मारने का रैकेट बनाती है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए हड़बड़ी में पुल को खोल दिया गया।

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टिकट के पैसे वसूले लेकिन लोगों की संख्या नहीं देखी

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पुल का रखरखाव करने वाली कंपनी पुल पर जाने के लिए हर व्यक्ति से 17 रुपए लेती है। उन्होंने दावा किया कि पुल 100 लोगों का वजन एक साथ सह सकता है लेकिन हादसे के वक्त पुल पर 400 से अधिक लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों ने पैसे कमाने के लिए टिकट बांटने पर ध्यान नहीं दिया जिससे पुल पर भार बढ़ गया और वह टूटकर नदी में गिर गया।

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Written By

Om Pratap

Edited By

Manish Shukla

First published on: Oct 31, 2022 03:17 PM

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