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135 लोगों की हत्या के आरोपी का राजकोट में सम्मान, लोगों ने लड्डुओं से तौला; जानें मामला

Gujarat News:Gujarat News: मोरबी पुल हादसे के मामले में जमानत पर जेल से बाहर आए ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर को सम्मानित करने का मामला सामने आया है। उनको पहले लड्डुओं से तौला गया, फिर ये लड्डू समारोह में आए लोगों में सर्व किए गए। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Nov 16, 2024 18:16
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Jaysukh Patel

Rajkot News: (ठाकुर भूपेंद्र सिंह, राजकोट) गुजरात के राजकोट में ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर और 2022 मोरबी पुल हादसे के मामले में मुख्य आरोपी जयसुख पटेल का सम्मान किया गया। हादसे में 135 लोगों की मौत हुई थी। पटेल को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार माना गया था। जिसके बाद उनको पुलिस ने अरेस्ट किया था। कड़वा पाटीदार केदवणी मंडल द्वारा उनका पाटीदार समाज के जरिए सम्मान किया गया है। वैसे तो मोरबी में उनकी एंट्री पर बैन है, लेकिन कार्यक्रम के लिए तीन दिन की कोर्ट से अनुमति के बाद उनको इजाजत दी गई। जयसुख पटेल को मोदक तुला (लड्डुओं से तौला) से सम्मानित किया गया। बाद में इन लड्डुओं को 60 हजार लिफाफों में पैक कर लोगों में बांटा गया।

समारोह में कई नेता पहुंचे

पुल ढहने के बाद पहली बार जयसुख पटेल किसी सामाजिक कार्यक्रम में दिखे। गुरुवार रात को उन्होंने राजकोट जिले में प्रवेश किया था। पाटीदार समुदाय के तीन दिवसीय समारोह का आयोजन मोरबी-राजकोट हाईवे पर टंकारा तालुका के पास लज्जई गांव में किया गया। समारोह में कई नेताओं, उद्योगपतियों और सामुदायिक नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान देवी उमिया मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव भी आयोजित हुआ। वहीं, अन्य सामुदायिक बुनियादी ढांचों का उद्घाटन भी किया गया।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जयसुख पटेल को मार्च में जमानत दी गई थी। न्यायालय ने कहा था कि इस दौरान ट्रायल कोर्ट की निर्धारित शर्तों का पालन करना है। मोरबी सत्र न्यायालय ने उनके मोरबी जिले में एंट्री करने पर रोक लगाई थी। हालांकि पेशी के दौरान इससे छूट दी गई है। सूत्रों के अनुसार अब पटेल ने पांच दिन के लिए मोरबी में प्रवेश की अनुमति मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने समारोह के लिए 3 दिन की ही अनुमति दी थी। वहीं, दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया था।

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दो साल पहले गिरा था पुल

दूसरे पक्ष ने कहा था कि उनका समारोह में उपस्थित होना जरूरी नहीं है। बता दें कि मोरबी पुल 30 अक्टूबर 2022 को गिरा था। जिसमें 135 लोगों की मौत हुई थी। इस पुल की मरम्मत की जिम्मेदारी पटेल की कंपनी के पास थी। पुल अंग्रेजों के समय में बनाया गया था। तीन महीने तक फरार रहने के बाद पटेल ने 31 जनवरी 2023 को सरेंडर कर दिया था।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Nov 16, 2024 06:16 PM

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