Fake Indian Currency factory busted: गुजरात के बनासकांठा जिले में अभिनेता शाहिद कपूर की वेबसीरीज फर्जी की कहानी असली में देखने को मिली। डीसा के महादेविया गांव में एक खेत के अंदर स्थित एक आवासीय भवन के तहखाने में नकली नोटों की फैक्ट्री मिली। प्रशांत सुम्बे एसपी बनासकांठा ने बताया कि नकली नोट बड़ी ही फुर्ती और अदाकारी के साथ छापे जा रहे थे, जैसे कोई फर्जी फिल्म चल रही हो। एक सूचना के मुताबिक अब तक 40 लख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए हैं, पकड़े गए नकली नोटों में ज्यादातर 500 रुपये के नोट शामिल हैं।
બનાસકાંઠાના ડીસાના મહાદેવીયા ગામમાં એક ખેતરમાંથી મળી નકલી નોટ છાપવાની ફેક્ટરી!
લાખો રૂપિયાની નકલી નોટો પકડાઈ અને બે લોકોની ધરપકડ કરવામાં આવી..
બનાસકાંઠા પોલીસ આગળની તપાસ કરી રહી છે અને નોટોની ગણતરી પણ હજુ શરૂ છે.. #Banaskantha #Gujarat pic.twitter.com/LAaAFwmz71---विज्ञापन---— Sagar Patoliya (@kathiyawadiii) September 4, 2025
बनासकांठा LCB की टीम ने अचानक की रेड
बनासकांठा LCB की टीम ने आवासीय भवन के तहखाने में अचानक रेड मारकर नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ ली है जहां से लाखों रुपये मूल्य के नकली नोट जब्त किए गए हैं। पुलिस को महादेविया गांव की इस फैक्ट्री में प्रिंटर के साथ-साथ नकली नोट बनाने के लिए जरूरी स्याही , कटर प्रिंटर और अन्य चीज भी बरामद हुई है। इस पूरे मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद में पुलिस को उनके तीसरे साथी की भी तलाश है जो की मौके से फरार हो गया था
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बड़ा सवाल: कब से नकली नोट छाप रहे थे आरोपी
इस मामले में पुलिस और भी छानबीन कर रही है ताकि यह पता चल सके की यह आरोपी कब से इन नकली नोटों को छापने का कारनामा कर रहे थे। वहीं पुलिस के लिए ये जानना भी जरूरी है कि इन्होंने बाजार में कितनी नकली नोट पहुंचाए गए और फर्जी नोटों के इस काले कारोबार में इन लोगों के साथ और कौन-कौन जुड़ा हुआ है पुलिस के लिए यह जानना भी जरूरी है।
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सूरत से पकड़ा गया था नकली वीज़ा रैकेट
बीते दिन सूरत में एसओजी और पीसीबी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए नकली वीज़ा रैकेट का भंडाफोड़ किया था। मौके पर पकड़े गए मुख्यारोपी प्रतीक शाह से पुलिस ने यूके और कनाडा समेत कई देशों के नकली वीज़ा, हाई-टेक प्रिंटर और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि रैकेट में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। आरोपी प्रतीक शाह ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई का इस्तेमाल अपराध करने में किया।
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