गुजरात सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई जरूरी और उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जाती हैं। इसी के तहत, राज्य सरकार द्वारा गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना चलाई जाती है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार प्रदेश की विधवा महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए हर महीने 1250 रुपये देती है। हाल ही में, राज्य सरकार ने इस योजना को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, राज्य सरकार ने फिर से गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना का बजट बढ़ाया है।
મુખ્યમંત્રી શ્રી ભૂપેન્દ્રભાઈ પટેલની ભારતીય સેનાના મેજર જનરલ શ્રી અજયકુમાર સિંઘના નેતૃત્વમાં નવી દિલ્હી સ્થિત નેશનલ ડિફેન્સ કોલેજ (NDC) તેમજ ઈન્ડીયન રેવન્યુ સર્વિસીઝ, આર્મી, નેવી અને એરફોર્સના અધિકારીઓ ઉપરાંત ઈરાન, બાંગલાદેશ, તાનઝાનીયા, ઉઝબેકિસ્તાન, જાપાન અને ઓમાનના વરિષ્ઠ લશ્કરી… pic.twitter.com/aXTe1kHh3o
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योजना के बजट में भारी वृद्धि
पिछले एक साल में राज्य सरकार द्वारा गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना के बजट में 700 करोड़ रुपए की भारी वृद्धि की गई है। बजट में यह वृद्धि अधिक से अधिक विधवा महिलाओं को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। राज्य सरकार ने 2024-25 में इस योजना के लिए 2362.67 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वहीं, 2025-26 में इस योजना के लिए 3015 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, साल 2024-25 (फरवरी 2025 तक) के लिए गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना के अंतर्गत 16.49 लाख विधवा महिलाओं को 2164.64 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है।
500% बढ़ा गंगा स्वरूपा योजना का बजट
गुजरात सरकार ने साल 2020-21 में गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना के लिए बजट 549.74 करोड़ रुपये रखा था, जो 2025-26 में लगभग 500 प्रतिशत बढ़कर 3015 करोड़ रुपये हो गया है। इसके अलावा, गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या में भी पिछले 5 सालों में लगातार वृद्धि हो रही है।
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इस शर्त को भी हटा दिया
राज्य सरकार ने साल 2019 में इस योजना के तहत विधवाओं को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया था। साथ ही DBT के जरिए लाभार्थी महिलाओं को ये पैसे देने का फैसला किया था। इसके अलावा पहले विधवा के बेटे के 21 साल हो जाने पर गंगा स्वरूपा बहनों की सहायता बंद कर दी जाती थी। इस शर्त को हटा दिया गया है, जिससे इस योजना का लाभ महिलाओं को पूरी जिंदगी मिलेगा। इसके साथ ही सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के लिए वार्षिक आय सीमा 47,000 रुपये से बढ़ाकर 1,20,000 रुपये कर दिया है। वहीं, शहरी महिलाओं के लिए वार्षिक आय सीमा 68,000 रुपये से बढ़ाकर 1,50,000 रुपये तक कर दी गई है।
क्या रहा योजना का असर?
गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना के माध्यम से गुजरात ने विधवा महिलाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित किया है। गुजरात इस कल्याणकारी पहल का विस्तार करके पूरे भारत में महिलाओं के लिए सशक्तिकरण, समानता और प्रगति का उदाहरण स्थापित कर रहा है।
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