Sukanya Samriddhi Yojana: उत्तर गुजरात के ग्रामीण इलाकों में 10 साल तक की बेटियों के कई खाते डाकघरों में खोले गए हैं, जबकि कई गांवों में सभी पात्र बेटियों के खाते खोलकर उन्हें पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बनाया गया है। ‘राष्ट्रीय बेटी दिवस’ के अवसर पर उत्तर गुजरात क्षेत्र, अहमदाबाद के पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अब तक उत्तर गुजरात क्षेत्र के लगभग 500 गांवों को सुकन्या समृद्धि ग्राम में बदल दिया गया है। इन गांवों में दस साल तक की सभी पात्र बालिकाओं के सुकन्या खाते डाकघर में खोले गए हैं। इतना ही नहीं, इन गांवों में अगर किसी घर में बेटी के जन्म की घोषणा होती है, तो डाकिया तुरंत उसका सुकन्या खाता खोलने पहुंच जाता है।
पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में इस कदम के तहत उत्तर गुजरात क्षेत्र के डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना के 4.50 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं, जबकि पूरे क्षेत्र में 15.22 लाख खाते खोले गए हैं। गुजरात का गांवों में डाक चौपाल से लेकर अलग-अलग स्कूलों तक सभी पात्र लड़कियों को अभियान से जोड़ा जा रहा है।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान
आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत जनवरी 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना लॉन्च की थी। इसके तहत किसी भी डाकघर में दस साल तक की लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि खाता कम से कम रु. 250 से खोला जा सकता है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वित्तीय साल में कम से कम रु. 250 और अधिकतम रु. 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने के 15 साल बाद तक ही पैसा जमा करना होता है। बेटी के 18 साल की होने पर जमा राशि का 50% निकाला जा सकता है और पूरी रकम खाता खोलने की तारीख से 21 साल बाद निकाली जा सकती है। वर्तमान में ब्याज दर 8.2 % है और इस पर आयकर छूट का भी प्रावधान है जमा करना।
पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना न सिर्फ निवेश का जरिया है, बल्कि बेटियों के उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य से भी जुड़ी है। इस योजना के आर्थिक, सामाजिक आयाम भी जरूरी हैं। इसमें जमा राशि केवल बेटियों के लिए होगी, जो उनकी शिक्षा, करियर और शादी में काम आएगी। यह योजना भविष्य में बेटियों के सशक्तिकरण के जरिए महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा देगी।
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