जगदीश विश्वकर्मा का नाम गुजरात की सियासत में एक नई जिम्मेदारी के साथ चर्चा में है. अब वह गुजरात बीजेपी के नए अध्यक्ष बनने जा रहे हैं, जिसकी पुष्टि उनके विजय मुहूर्त में किए गए नामांकन से मानी जा रही है. अमित शाह के भरोसेमंद और संगठन में लंबे समय से सक्रिय विश्वकर्मा, अहमदाबाद की निकोल सीट से विधायक हैं और वर्तमान में भूपेंद्र पटेल सरकार में सहकारिता मंत्री की भूमिका निभा रहे हैं.
राजनीति की शुरुआत और सफर
जगदीश विश्वकर्मा का राजनीतिक सफर जमीनी स्तर से शुरू हुआ. उन्होंने ठाक्करबापनगर बूथ इंचार्ज के तौर पर बीजेपी में एंट्री ली थी, और वर्ष 2012 में पहली बार निकोल से विधायक चुने गए. 12 अगस्त 1973 को जन्मे विश्वकर्मा फिलहाल 52 वर्ष के हैं. वे ओबीसी समुदाय से आते हैं, और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग में अहम किरदार निभाने जा रहे हैं—गुजरात में ओबीसी की आबादी 50% से अधिक है.
संगठन में बदलाव और बड़ी जिम्मेदारी
इस पदभार के साथ, अब तक अध्यक्ष रहे सीआर पाटिल की जगह वो पार्टी की बागडोर संभालेंगे. सूत्रों की मानें, तो अब राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होने की संभावना है, क्योंकि विश्वकर्मा के संगठन में आने से कुछ मंत्री बाहर हो सकते हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षक के तौर पर भूपेंद्र यादव और के लक्ष्मण को भेजा है, जो जल्द ही औपचारिक घोषणा करेंगे.
रणनीति और भविष्य की दिशा
बीजेपी ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए नया अध्यक्ष चुना है, जिससे ओबीसी वर्ग को साधने की रणनीति नजर आ रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा भी ओबीसी हैं, ऐसे में मुकाबला दिलचस्प रहेगा. विजय मुहूर्त में कमलम् कार्यालय पहुंचकर 10 प्रस्तावकों के साथ नामांकन दाखिल करने वाले विश्वकर्मा के लिए अब नए सफर की शुरुआत है.
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अन्य प्रमुख जानकारी
जगदीश विश्वकर्मा सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं. पार्टी के कई महत्वपूर्ण अभियान व रिलिफ कार्यों में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई. उनकी छवि एक मेहनती और जमीनी नेता की रही है, जो हर वर्ग को जोड़ने की कुव्वत रखते हैं. यह नई जिम्मेदारी संगठन को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और सभी की नजरें अब उनकी अगली रणनीति पर टिकी हैं.