Lord Krishna Janmashtami 2024 In Gujarat: पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी मनाई गई। भक्त आधी रात की पूजा में भाग लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था। मंदिरों को खूबसूरती से सजाया गया है और कृष्ण की मूर्तियों को नए कपड़ों और आभूषणों से सजाया गया। देश के कई भागों में, खासकर महाराष्ट्र में, ‘दही हांडी’ कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर देशभर में जबरदस्त उत्साह है। दिल्ली-यूपी से लेकर गुजरात के मथुरा और अहमदाबाद के इस्कॉन तक भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की रात को हुआ था। श्रीकृष्ण का जन्म रात में हुआ था। इसलिए रात में ही जन्माष्टमी मनाने की परंपरा है। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल इस्कॉन मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। मुख्यमंत्री पटेल अपने काफिले और पूरी पुलिस मौजूदगी के साथ भक्तों की भीड़ के बीच इस्कॉन मंदिर पहुंचकर भगवान के जन्मोत्सव पर जगद्नानाथ को नमन किया है और जगद्नानाथ के सामने माथा टेककर आशीर्वाद लिया है।
देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।આજે શ્રીકૃષ્ણજન્માષ્ટમીના પાવન પર્વે અમદાવાદ ઈસ્કોન મંદિરે ભગવાન શ્રીકૃષ્ણના મનોહર વિગ્રહના દર્શન કરી રાજ્યની ઉન્નતિ અને સુખાકારી હેતુ પ્રાર્થના કરી. pic.twitter.com/jeP8x6DHDD
---विज्ञापन---— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) August 26, 2024
द्वापर युग में श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की रात्रि को श्री कृष्ण प्रकट हुए थे। इस साल श्री कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। उस समय रोहिणी नक्षत्र था और वृष राशि में चंद्रमा था। श्रीकृष्ण का अवतार रात में हुआ था, इसलिए रात में जन्माष्टमी मनाने की परंपरा है। द्वापर युग में श्रीकृष्ण के कारण ही कंस, जरासंध, कालयवन जैसे राक्षसों का नाश हुआ। भगवान ने पांडवों की सहायता करके धर्महीन कौरव वंश का नाश कर दिया। इस प्रकार भगवान ने अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करने का कार्य किया।
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