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‘शाम तक जवाब दें, या…’, गुजरात हाई कोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे पर नगरपालिका को लगाई फटकार

Gujarat Bridge Tragedy: गुजरात हाई कोर्ट ने आज दो नोटिसों के बावजूद रिपोर्ट दाखिल करने में देरी को लेकर मोरबी नगरपालिका को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, “अब आप मामले को हल्के में ले रहे हैं, इसलिए या तो आज शाम तक अपना जवाब दाखिल करें या 1 लाख रुपये का जुर्माना अदा करें।” अभी पढ़ें […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Nov 16, 2022 19:17
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Gujarat Bridge Tragedy: गुजरात हाई कोर्ट ने आज दो नोटिसों के बावजूद रिपोर्ट दाखिल करने में देरी को लेकर मोरबी नगरपालिका को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, “अब आप मामले को हल्के में ले रहे हैं, इसलिए या तो आज शाम तक अपना जवाब दाखिल करें या 1 लाख रुपये का जुर्माना अदा करें।”

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नगरपालिका के वकील ने जवाब दाखिल करते हुए कहा कि नगरपालिका के प्रभारी डिप्टी कलेक्टर हैं जो चुनावी ड्यूटी पर हैं। वकील ने कहा, “नोटिस डिप्टी कलेक्टर को भेजा जाना चाहिए था, लेकिन यह 9 नवंबर को नागरिक निकाय को दिया गया था। इस प्रकार, इस अदालत में पेश होने में देरी हुई।”

हाई कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान

गुजरात हाई कोर्ट अदालत ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था और छह विभागों से जवाब मांगा था। चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। अदालत ने मंगलवार को 150 साल पुराने पुल के रखरखाव के लिए ठेका देने के तरीके पर सीधा जवाब मांगा।

अदालत ने प्रारंभिक अवलोकन के रूप में कहा था, “नगरपालिका जो कि एक सरकारी निकाय है, उसने चूक की है, जिससे 135 लोगों की मौत हो गई। कोर्ट ने अधिकारियों से स्पष्ट विवरण के साथ वापस आने के लिए कहा कि क्या पुल को फिर से खोलने से पहले इसकी फिटनेस को प्रमाणित करने की कोई शर्त समझौते का हिस्सा थी और जिम्मेदार व्यक्ति कौन था।

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इसमें कहा गया था, ”राज्य सरकार को यह भी बताना होगा कि नगर निकाय के मुख्य अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की गई।” बता दें कि नगर पालिका ने ओरेवा ग्रुप को 15 साल का ठेका दिया था। कोर्ट ने ठेके की फाइलें सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा।

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First published on: Nov 16, 2022 02:17 PM

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