मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू हुई बेमौसम बारिश से राज्य के अनेक किसानों की फसलों को हुए व्यापक नुकसान के रूप में आई अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के समय पूरी संवेदना के साथ राज्य के किसानों के साथ खड़े रहकर नुकसान के सर्वेक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कराया है.
सीएम पटेल ने इस उद्देश्य से गांधीनगर से रीयल टाइम मॉनिटरिंग कर तथा उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित कर राज्य के किसानों को हुए नुकसान की जानकारी हासिल की थी और किसानों की फसलों को हुए व्यापक नुकसान की पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए थे.
इस संदर्भ में कृषि विभाग सहित राज्य सरकार के अन्य विभागों ने समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और अब तक लगभग 70 प्रतिशत प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया है. शेष क्षेत्रों में भी सर्वेक्षण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री के दिशादर्शन में कृषि विभाग सहित सम्बद्ध विभाग 24X7 कार्यरत हैं.
CM ने सोमनाथ और जूनागढ का किया दौरा
इस बेमौसम बरसात के कारण कृषि फसलों में हुए नुकसान के चलते किसानों को अधिक से अधिक तेजी से सहायता मिल सके, इसके लिए प्रभावित जिलों में 4800 से अधिक टीमों द्वारा सर्वेक्षण कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सोमवार दोपहर बाद स्वयं गीर सोमनाथ जिले के कडवासण तथा जूनागढ जिले के पाणीद्रा गांव पहुंचे और उन्होंने किसानों के खेतों में खड़ी फसलों को हुए नुकसान का मौके पर जायजा लिया तथा किसानों की व्यथा सहानुभूतिपूर्वक सुनी.
मुख्यमंत्री के साथ मंत्री अर्जुनभाई मोढवाडिया, डॉ. प्रद्युमन वाजा तथा राज्य मंत्री कौशिकभाई वेकरिया भी इन प्रभावित क्षेत्रों के स्थल निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहे. मुख्यमंत्री ने धरतीपुत्रों को सांत्वना देते हुए कहा कि समग्र सरकार उनके साथ पूरी संवेदना के साथ खड़ी है और किसानों को नुकसान से तेजी से उबार कर स्थिति पूर्ववत करने की प्रतिबद्धता के साथ कार्यरत है.
70 प्रतिशत प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य पूरा
उन्होंने कहा कि प्राथमिक अनुमान के अनुसार हाल की बेमौसम बारिश में राज्य में 249 तहसीलों के 16 हजार से अधिक गांवों की कृषि फसलों को नुकसान हुआ है. इसमें 70 प्रतिशत प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है, जबकि शेष क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने इस नुकसान का सर्वेक्षण होते ही अति शीघ्र समय में उदारतम राहत सहायता पैकेज घोषित करने की दिशा में जरूरी प्रक्रिया भी तत्परता के साथ शुरू कर दी है.
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार के मंत्रियों ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर फसलों को हुए नुकसान तथा समग्र स्थिति का जायजा लिया है. उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी सूरत, कृषि मंत्री जीतूभाई वाघाणी भावनगर, आदिजाति विकास मंत्री नरेश पटेल तापी, वन एवं पर्यावरण मंत्री अर्जुनभाई मोढवाडिया तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. प्रद्युमन वाजा जूनागढ तथा गीर सोमनाथ और राज्य मंत्री कौशिकभाई वेकरिया अमरेली जिले का दौरा कर किसानों के दुःख में सहभागी हुए.










