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गुजरात

खुद को गाजा पीड़ित बता फंड जुटाने वाले सीरियाई गिरोह का पर्दाफाश, अहमदाबाद में बड़ा खुलासा

Ahmedabad crime branch busted Syrian gang: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने आज एक सीरियाई गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को गुमराह कर फंड इकट्ठा कर रहा था। यह गिरोह खुद को गाज़ा का पीड़ित बताकर देशभर में घूम-घूमकर धन जुटा रहा था। पुलिस पूछताछ में गिरोह के लोगों ने बड़े खुलासे किए।

Author Written By: bhupendra.thakur Author Published By : Vijay Jain Updated: Aug 24, 2025 11:49
Ahmedabad crime branch busted Syrian gang
हलकी नीली टीशर्ट में अली मेधात अलजाहिर नाम का शख्स। फोटो सोर्स news 24

Ahmedabad crime branch busted Syrian gang: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गाज़ा के नाम पर लोगों से मदद के नाम पर पैसे वसूल रहे लोगों को गिरफ्तार किया तो देशभर में सक्रिय सीरियाई गैंग का पर्दाफाश हो गया। क्राइम ब्रांच को विशेष सूचना मिली थी कि कुछ विदेशी नागरिक गाज़ा के नाम पर लोगों से मदद के नाम पर पैसे वसूल कर रहे हैं। खोजबीन के दौरान पुलिस को अली मेधात अलजाहिर नाम का एक व्यक्ति मिला, जिसकी पहचान संदिग्ध निकली।

ऐसे पकड़ में आया गिरोह

पुलिस पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह 23 वर्षीय शिया मुस्लिम है, जो सीरिया की राजधानी दमिश्क के अल-मलिहा क्षेत्र का निवासी है। फिलहाल वह अहमदाबाद के एलिसब्रिज स्थित होटल रीगल रेजिडेंस के कमरे नंबर-201 में रह रहा था। जांच के दौरान पता चला कि अली पर्यटक वीज़ा पर भारत आया था और कई शहरों की यात्रा कर चुका था। अहमदाबाद आकर उसने गाज़ा का नागरिक होने का दिखावा किया और लोगों से आर्थिक मदद जुटानी शुरू की। वह इस धनराशि का इस्तेमाल विलासिता की वस्तुएं खरीदने में करता था।

खुद को अरबी भाषा जानने वाला बताया

पुलिस का कहना है कि पूछताछ में अली ने खुद को अरबी भाषा जानने वाला बताया, साथ ही उसकी छाती पर युद्ध जैसी चोटों के निशान भी पाए गए, जिससे उसकी कहानी और भी संदिग्ध हो गई। अली ने आगे यह भी माना कि उसके जैसे और भी कई लोग भारत आ चुके हैं, जो इसी तरह धन इकट्ठा कर रहे हैं। अहमदाबाद पुलिस ने उसके अन्य साथियों को भी हिरासत में ले लिया है।

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ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू

गुजरात और अहमदाबाद की विभिन्न एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। आरोपी को हिरासत में लेकर उसे निर्वासन और ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही जांच यह भी की जा रही है कि उनके पास से बरामद पासपोर्ट असली हैं या फर्जी। अहमदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शरद सिंघल ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह समूह पहले लेबनान में इकट्ठा हुआ और वहां से भारत के लिए रवाना हुआ। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने भारत में इकट्ठा किए गए पैसों का इस्तेमाल किन गतिविधियों में किया है।

First published on: Aug 24, 2025 11:49 AM

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