नई दिल्ली: दिल्ली एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार का है या इस पर उपराज्यपाल कोई निर्णय ले सकते हैं इस बारे में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऑर्डर रिजर्व कर लिया है।
दिल्ली सरकार की याचिका
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सरकार ने उपराज्यपाल को एल्डरमैन नामित करने की शक्ति देने को चुनौती दी है।
अदालत ने कहा निकाय को अस्थिर कर सकते है
दिल्ली सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन नामित करने का अधिकार देने का मतलब है कि वह निर्वाचित निकाय को अस्थिर कर सकते हैं।
उपराज्यपाल की भूमिका से अलग
सुनवाई के दौरान उपराज्यपाल के वकील संजय जैन से अदालत ने पूछा कि आपकी दलील है कि निगम में प्रशासक की भूमिका 239AA के मुताबिक उपराज्यपाल की भूमिका से अलग है? कोर्ट ने कहा कि निर्वाचित सरकार की मदद और सलाह से काम करने में क्या दिक्कत है?
उपराज्यपाल से मतलब नहीं
दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि पिछले 30 साल में उपराज्यपाल को नामजद करने की कोई शक्ति नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का मतलब सिर्फ चुनी हुई सरकार से है। इसका मतलब उपराज्यपाल से नहीं है।