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‘मैं न्याय-सच्चाई के लिए लड़ता रहूंगा…’, राज्यसभा से निलंबन पर सांसद राघव चड्ढा का बयान

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।’ मेरा राज्यसभा से निलंबन युवाओं के लिए भाजपा की ओर से आज एक सख्त संदेश है कि यदि आप सवाल पूछने […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 11, 2023 21:55
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Delhi Services Bill Raghav Chadha
Raghav Chadha

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।’ मेरा राज्यसभा से निलंबन युवाओं के लिए भाजपा की ओर से आज एक सख्त संदेश है कि यदि आप सवाल पूछने की हिम्मत करेंगे, तो हम आपकी आवाज को कुचल देंगे। दिल्ली सेवा विधेयक पर संसद में मेरे भाषण के दौरान कड़े सवाल पूछने के कारण मुझे निलंबित कर दिया गया। क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं था। मेरा अपराध सिर्फ दिल्ली के राज्य के दर्जे पर भाजपा के दोहरे मानदंडों को उजागर करना था। उन्हें ‘आडवाणी-वाद’ और ‘वाजपेयी-वाद’ का पालन करने के लिए कहना था। हकीकत यह है कि एक 34 वर्षीय सांसद ने उन्हें आईना दिखाया और उन्हें इसके लिए जवाबदेह ठहराया, इससे वे आहत हुए।

यह सरकार का खतरनाक संकेत

राघव चड्ढा ने कहा कि संसद के एक युवा और प्रभावी सदस्य को झूठे आरोपों के आधार पर कार्रवाई कर सरकार द्वारा निलंबित करना स्पष्ट रूप से एक खतरनाक संकेत हैं। इस कार्रवाई में युवा विरोधी होने की बू आती है और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व और लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव को कमजोर करती है। आम आदमी पार्टी और अन्य भारतीय सांसदों का निलंबन संसद की चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करता है। जहां भाजपा विपक्ष को चुप कराने के लिए तथ्य और कल्पना के बीच की रेखाओं को धुंधला कर देती है। जिस तरह से भाजपा ने राहुल गांधी को संसद से निलंबित करने की योजना बनाई, उससे पता चलता है कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के किसी भी आप सांसद को निलंबित करने और बाद में निष्कासित करने के लिए इसी तरह की रणनीति अपनाना चाहते हैं।

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उन्होंने कहा कि इस मानसून सत्र में सरकार द्वारा सत्ता का अभूतपूर्व दुरुपयोग देखा गया। माइक्रोफ़ोन को जबरन बंद कर दिया गया और विपक्ष की आवाज़ को बेरहमी से कुचल दिया गया। आम आदमी पार्टी के अकेले 3 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। भाजपा ने, अपनी दुर्जेय शक्ति का दुरुपयोग करते हुए, असहमति की आवाज़ों को दबाने के लिए किसी भी साधन को अपनाने की बेचैन करने वाली इच्छा दिखाई है। वहां निलंबन जैसे हथियारबंद उपकरण हमें चुप कराने का प्रयास कर रहे हैं।

भाजपा की बढ़ती हताशा उजागर हुई

सांसद राघव ने कहा कि सांसदों के निलंबन ने भाजपा की बढ़ती हताशा को उजागर कर दिया है। इस सप्ताह में मुझे विशेषाधिकार समिति से दो नोटिस प्राप्त हुए हैं, जो अभूतपूर्व है। यह स्पष्ट है कि भाजपा कमजोर हो गई है और तेजी से राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा ले रही है। उनके कार्यों का उद्देश्य हमारी आवाज को दबाना है, लेकिन वे अनिवार्य रूप से भारत के लोगों की आवाज को दबाने में विफल रहेंगे। हालाँकि वे हमें निलंबित करने में सफल हो सकते हैं। लेकिन लोगों की शक्ति अंततः उन्हें सत्ता से हटा देगी।

उन्होंने कहा कि मैं शहीद-ए-आजम भगत सिंह की धरती से हूं। मैं विशेषाधिकार समिति के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखूंगा और न्याय मांगूंगा।’ यदि इस निलंबन की साजिश रचने वालों ने सोचा कि वे लोगों की सेवा करने और संविधान को बनाए रखने की मेरी प्रतिबद्धता को दबा सकते हैं, तो वे शत प्रतिशत गलत हैं।

मैं चुप नहीं रहने वाला

राघव ने कहा कि मैं चुप नहीं रहूंगा। मैं न्याय, सच्चाई और लोगों के अधिकारों के लिए खड़ा रहूंगा। यह निलंबन सही के लिए लड़ने, सत्ता के हेरफेर को उजागर करने और मुझ पर भरोसा करने वाले लोगों की आवाज को मजबूत करने के मेरे संकल्प को मजबूत करता है। देश, विशेषकर युवा, भाजपा की चालबाज़ी को स्पष्ट रूप से समझ रहे हैं। यह निलंबन महज़ एक अस्थायी झटका है। मैं भारत के लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को अधिक मजबूत और दृढ़ करके लौटूंगा।

यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सेलेक्ट कमेटी के लिए सांसदों के नाम सुझाने के लिए उनके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं है। जैसा कि मैंने बार-बार उल्लेख किया है। यह महज एक प्रस्ताव है, जिसमें कुछ सांसदों के नाम प्रस्तावित हैं। यदि कोई अपना नाम वापस लेना चाहता है तो वह वापस ले सकता है। पीयूष गोयल के निलंबन प्रस्ताव में या विशेषाधिकार समिति द्वारा दिए गए नोटिस में कहीं भी ‘धोखाधड़ी’, ‘जालसाजी’ या ‘नकली’ ‘फर्जीवाड़ा’ शब्दों का उल्लेख नहीं किया गया है। यहां तक कि ‘हस्ताक्षर’ शब्द का भी उल्लेख नहीं किया गया है। इसमें दूर-दूर तक इस आशय का कोई आरोप नहीं लगाया गया है।

मैं भाजपा को चुनौती देता हूं

राघव चड्ढा ने कहा कि कुछ भाजपा सांसदों और उनके प्रचार तंत्र ने बिना किसी सबूत के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मुझ पर झूठा आरोप लगाया है। इससे पता चलता है कि पूरा विवाद मुझे राज्यसभा से निलंबित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए रचा गया था। मैं दोहराता हूं कि गलत हस्ताक्षर के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। किसी भी जालसाजी या नकली हस्ताक्षर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। मीडिया से अनुरोध है कि वे इसका उपयोग करने से बचें और जिम्मेदारी से रिपोर्ट करें।

यह भी पढ़ें: देशद्रोह कानून खत्म, गैंगरेप पर होगी फांसी…IPC में होंगे 13 बड़े बदलाव

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Edited By

Bhola Sharma

First published on: Aug 11, 2023 09:52 PM

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