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सत्येंद्र जैन ने कहा-जज साहब, मुझे प्रोटीन और आयरन की कमी का खतरा, खाने में दिए जाएं सूखे मेवे और खजूर

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा है। याचिका में जैन ने अपने धार्मिक विश्वासों के अनुसार भोजन उपलब्ध कराने और तत्काल चिकित्सा जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Mar 2, 2024 18:52
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Delhi News, Satyendar Jain, Delhi High Court, AAP
सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा है। याचिका में जैन ने अपने धार्मिक विश्वासों के अनुसार भोजन उपलब्ध कराने और तत्काल चिकित्सा जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। अब इस मामले में कल सुनवाई होगी। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को सत्येंद्र जैन के भोजन और स्वास्थ्य की स्थिति से संबंधित नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

 

वहीं, एक अन्य याचिका में सत्येंद्र जैन के वकील ने अदालत को बताया है कि सत्येंद्र जैन के सीसीटीवी फुटेज को लीक की गई। जबकि जांच एजेंसी ने तिहाड़ जेल के अंदर के वीडियो वाले उस पेन ड्राइव की किसी भी सामग्री को लीक नहीं करने का वचन दिया गया था। इस मामले को अदालत ने सुनने के लिए 28 नवंबर की तारीख तय की है।

यह दी गई दलीलें

बता दें अपनी दलील में सत्येंद्र ने कहा है कि जेल प्रशासन ने उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुनियादी खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना बंद कर दिया है। जिसमें फल, सब्जियां, मिश्रित बीज, सूखे मेवे और खजूर शामिल हैं। अदालत को बताया गया कि जैन पिछले 6 महीनों से धार्मिक उपवास पर है। उनके भरण-पोषण, पोषण और जीवित रहने के लिए इस तरह के बुनियादी खाद्य पदार्थों का आहार सेवन आवश्यक है। याचिका में कहा गया है कि उक्त धार्मिक उपवास के कारण प्रोटीन और आयरन की कमी का गंभीर खतरा है।

यह है मामला 

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। जैन पर कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन करने का आरोप है। याचिका में आगे कहा गया है कि आवेदक को प्रदान की जा रही खाद्य सामग्री वापस लेने के कारण पिछले सप्ताह में उसका 2 किलो वजन खतरनाक रूप से कम हो गया है।

6 माह में घटा 28 किलो वजन

जैन के वकीलों ने अदालत को बताया गिरफ्तारी के दिन से कुल मिलाकर पिछले छह महीनों में उनका 28 किलो वजन कम हो गया है जो आवेदक की दुर्बल स्वास्थ्य स्थिति का संकेत है। जीवित रहने के लिए भोजन प्राप्त करना उसका सबसे बुनियादी मानव अधिकार है। धार्मिक उपवास के दौरान खाद्य पदार्थों को रोकना अवैध और मनमाना है और जेल परिसर के भीतर आवेदकों के उत्पीड़न के बराबर है।

 

(golfland.com)

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Amit Kasana

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rahul solanki

First published on: Nov 22, 2022 05:23 PM

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