Sajjan kumar acquitted in anti sikh riots case: सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया था। जिसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे सज्जन कुमार को बरी कर दिया गया था। जिनके ऊपर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे के दौरान एक व्यक्ति की हत्या का आरोप था। कोर्ट ने सज्जन कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की ओर से दो और आरोपियों वेद प्रकाश पियाल और ब्रह्मानंद गुप्ता को भी संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ हत्या और दंगे के आरोप साबित करने में विफल रहा।
दूसरे मामले में काट रहे हैं आजीवन कारावास की सजा
मामला सुल्तानपुरी का है, जहां पर दंगों के दौरान एक व्यक्ति सुरजीत सिंह की मौत हो गई थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी सज्जन कुमार को संदेह का लाभ देते हुए छोड़ा जाता है। उनके खिलाफ धारा 153ए, 302 और 147 के तहत केस दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। जिसको उनके ही सिख अंगरक्षकों ने अंजाम दिया था। जिसके बाद दंगे भड़क उठे थे। दंगों से जुड़े दूसरे मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराया जा चुका है। वे 17 दिसंबर 2018 से ही तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
कई बार जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं। लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो जाती है। अभी तक कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी है। सितंबर की शुरुआत की ही बात है। सज्जन कुमार की ओर से अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग की गई थी। लेकिन कोर्ट की ओर से उनकी मांग को खारिज कर दिया गया। सज्जन कुमार ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भी इलाज की मांग के लिए याचिका दाखिल की थी। जिस पर कोर्ट ने कहा था कि उनको सुपर वीआईपी की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता है।
चाय बेचकर करना पड़ा था गुजारा, फिर आए संजय गांधी की नजरों में
23 सितंबर 1945 को दिल्ली में सज्जन कुमार पैदा हुए थे। उनके परिवार की हालत गरीब होने के कारण उनको शुरुआत में चाय बेचनी पड़ी। 70 के दशक में वे राजनीति में आए। सज्जन कुमार ने पहली बार दिल्ली में नगरपालिका इलेक्शन लड़कर जीत हासिल की थी। जिसके बाद संजय गांधी की नजरों में आए।
1980 में पहली बार उलटफेर कर दिल्ली से लोकसभा का चुनाव जीता। तब दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री रहे ब्रह्माप्रकाश को हराया था। इसके बाद उनको संजय गांधी ने पांच सूत्रीय कार्यक्रम में शामिल किया। 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हजारों लोग मारे गए। जिसमें सज्जन कुमार को भी आरोपी बनाया गया था।