पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. चैतन्यानंद वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की थी. इसके साथ ही बाबा चैतन्यानंद मामले में बड़ी कार्यवाही हुई है. पुलिस ने बाबा के 18 अकाउंट सीज कर दिए हैं. 28 एफडी भी जब्त की गई है. इसके साथ ही 8 करोड़ रुपए फ्रीज किए गए हैं.
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, दिल्ली स्थित एक संस्थान की देखरेख करता था. उनपर कई छात्रों के यौन उत्पीड़न का रोप लगा है. आरोप है कि स्वामी चैतन्यानंद ने छात्राओं के मोबाइल फोन और प्रमाण पत्र जब्त कर लिया था और उनके साथ मनमानी करता था. बताया गया कि इससे छात्राएं चैतन्यानंद के आगे मजबूर हो गईं थीं और उसकी मांग पूरी करनी पड़ती थी.
एक शख्स ने बताया कि आरोपी बाबा पहले छात्रों को चिह्नित करता था और उनसे अपने फोन जमा करने को कहता था ताकि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें. वह छात्राओं का फोन अपने पास रख लेटा था और फिर उन्हें नया फोन दे देता था. कहा जा रहा है कि वह ऐसा इसलिए करता था, ताकी छात्राएं सीमित लोगों के संपर्क में रहें.
उन्होंने बताया कि अगर कोई विरोध करने या शिकायत करने की हिम्मत करता तो उन्हें डर होता है कि उनके सर्टिफिकेट जब्त कर लिए जाने का डर रहता था और भविष्य के अंधकार में जाने की चिंता रहती है. लड़कियों को अक्सर चेतावनी दी जाती थी कि अगर उन्होंने उसका विरोध किया तो उनका करियर बर्बाद हो जाएगा. कुछ को तो संस्थान से निकाल भी दिया गया.
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पुलिस ने बताया था कि पूछताछ के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने आरोपियों द्वारा गाली-गलौज, अश्लील व्हाट्सएप/एसएमएस संदेश और शारीरिक रूप से छूने का आरोप लगाया. पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया कि वहां काम कर रही महिलाएं भी लड़कियों पर दबाव बनती थीं.










