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दो माह की गर्भवती बेटी को मां-बाप ने अपनाने से किया इनकार, कोर्ट के आदेश पर ‘निर्मल छाया’ में रहेगी नाबालिग पीड़िता

Parents refused to adopt two months pregnant daughter: दिल्ली कोर्ट ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए लापता होने के बाद बरामद हुई नाबालिग लड़की को आश्रय गृह भेज दिया। बताया जाता है कि नाबालिग लड़की बरामदगी के दौरान गर्भवती पाई गई, जिसके चलते उसके माता-पिता ने लड़की को अपनाने या घर ले जाने से इनकार कर दिया था।

Edited By : Hemendra Tripathi | Updated: Nov 8, 2023 12:53
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Delhi High Court Judgment
Delhi High Court Judgment

Parents refused to adopt two months pregnant daughter: बीते सितंबर माह में एक दिल्ली के भीतर एक नाबालिग लड़की के लापता होने का मामला सामने आया था, इस घटना में पुलिस ने गुमशुगदी की शिकायत दर्ज करते हुए लापता हुई नाबालिग की तलाश शुरू कर दी थी, मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा और जिसके बाद पुलिस ने बीते 3 नवंबर को लड़की को बरामद कर लिया। मामले में नाबालिग के माता पिता की ओऱ से नाबालिग को अपनाने से इंकार कर दिया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नाबालिग लड़की को आश्रय गृह भेज दिया। बताया जाता है कि नाबालिग लड़की बरामदगी के दौरान गर्भवती पाई गई, जिसके चलते उसके माता-पिता ने लड़की को अपनाने या घर ले जाने से इनकार कर दिया था।

 

नाबालिग को लेकर फरार हो गया था पड़ोसी लड़का, बनाए थे शारीरिक संबंध

आपको बता दें कि माता पिता की ओर से लड़की को अपनाने से इंकार करने के बाद इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि नाबालिग लड़की को उसी के इलाके का एक लड़का बहला-फुसलाकर ले गया और इस दौरान आरोपी लड़के ले उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और साथ ही नाबालिग लड़की का कथित तौर पर अश्लील वीडियो भी बना लिया। बाद में पुलिस की ओऱ से की गई छानबीन के बाद बीते तीन नवंबर को पुलिस ने अदालत को सूचित करते हुए लड़की के बरामद होने की जानकारी दी और मजिस्ट्रेट के सामने नाबालिग लड़की का बयान दर्ज कराया गया।

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लड़की की मां ने कोर्ट में दायर की थी याचिका, बाद में गर्भावस्था की जानकारी आई सामने

मिली जानकारी के अनुसार, लड़की के लापता होने के बाद उसकी मां की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से याचिका दायर की गई थी। दायर हुई याचिका में पुलिस अधिकारियों को उनकी बेटी को पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। बताया जा रहा है कि लड़की की मां को संदेह था कि उसकी बेटी आरोपी लड़के के साथ फरार हो गई है। इस मामले में नाबालिग लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने के दौरान बताया कि वह छह सप्ताह की गर्भवती है। इसके बाद जब लड़की को अदालत में पेश किया गया, तो सुनवाई करने वाली पीठ ने उससे बातचीत की तो नाबालिग लड़की ने न्यायाधीशों को अपनी गर्भावस्था के बारे में जानकारी दी।

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माता-पिता ने बेटी को अपनाने से किया इनकार, कोर्ट ने भेजा आश्रय गृह

कोर्ट में सुनवाई के दौरान लड़की ने अपने माता-पिता के पास लौटने की इच्छा जताई। जिसपर नाबालिग लड़की के माता-पिता ने उसे अपनाने से इनकार करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है कि उनकी बेटी किसी लड़के साथ भागी हो या फिर गर्भवती हुई हो। इस बात को कहते हुए उन्होंने उसे अपने घर ले जाने से इनकार कर दिया। माता-पिता के इनकार के बाद मामले पर सुनवाई करने वाले जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस शालिंदर कौर की पीठ ने दिल्ली पुलिस को नाबालिग लड़की को देश की राजधानी दिल्ली के हरि नगर स्थित ‘निर्मल छाया’ आश्रय गृह में ले जाने का निर्देश दे दिया।

First published on: Nov 08, 2023 12:53 PM

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