Delhi Blast Case Update: दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बड़ा एक्शन लिया है. हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी को नोटिस भेजा है, जिसमें डॉक्टर उमर, डॉक्टर शाहीन, डॉक्टर मुजम्मिल से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं. साथ ही यूनिवर्सिटी से जुड़े जमीन के कागजात, ट्रस्ट से जुड़े कागजात, NOC, कैंपस का बिल्डिंग प्लान और नेशनल मेडिकल कमीशन से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट का नया वीडियो आया सामने, रेड लाइट पर वाहनों के बीच खड़ी कार, 10 सेकंड में मची चीख पुकार
यूनिवर्सिटी से मिला हमलावरों का कनेक्शन
बता दें कि दिल्ली में लाल किले के पास कार धमाका करके आतंक हमला करने वाले आतंकियों का कनेक्शन फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से मिला है, जिसके चलते यूनिवर्सिटी सवालों के घेरे में है. हालांकि प्रेस नोट जारी करके मामले में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों से कोई कनेक्शन होने की बात से यूनिवर्सिटी ने इनकार कर दिया है, लेकिन NIA ने यूनिवर्सिटी को आतंकी हमले की जांच में शामिल किया है और नोटिस दिया है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा, आतंकी उमर ही ड्राइव कर रहा था ब्लास्ट हुई i20 कार को, DNA टेस्ट से पुष्टि
यूनिवर्सिटी के एक छात्र से चल रही पूछताछ
बता दें कि दिल्ली पुलिस अल फलाह यूनिवर्सिटी के एक छात्र से भी पूछताछ कर रही. छात्र का नाम आरिफ है और इस समय वह दिल्ली पुलिस की हिरासत में है. आतंकी हमले की जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन से आरिफ का संबंध है. आरिफ डॉक्टर शाहीन के सीधे संपर्क में था, जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. आरिफ पर आरोप है कि उसने डॉ. शाहीन और धमाके को अंजाम देने वाले अन्य संदिग्धों के बीच कड़ी का काम किया.
यह भी पढ़ें: Delhi Car Blast: सुबह 8:04 बजे एंट्री, शाम 6:52 पर ब्लास्ट… 11 घंटे i20 कार कहां-कहां गई? ये रही डिटेल
अल फलाह यूनिवर्सिटी हमले की मेन कड़ी
दिल्ली पुलिस आरिफ से पूछताछ करके यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरिफ डॉ. शाहीन के साथ किस तरह की गतिविधियों में शामिल था और उसने आतंकी हमले में क्या भूमिका निभाई? क्या उसे दिल्ली में लाल किला के पास होने वाले ब्लास्ट की जानकारी थी? बता दें कि NIA को अब तक की जांच में सामने आया है कि पुलवामा और फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी अल फलाह यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट, स्कॉलर और प्रोफेसर रहे हैं. यूनिवर्सिटी व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का सेंटर थी, जिसका सीधा कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से है.










