नई दिल्ली: दिल्ली सरकार दिल्ली की सड़कों को सुंदर और विश्वस्तरीय बनाएगी। इस पर एक अप्रैल से काम शुरू होने की उम्मीद है। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और कहा कि पीडब्ल्यूडी की टूटी सड़कों व गड्ढों के साथ टूटे फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज, मेन होल्स, स्लैब, साइनेज, बिजली के खंभे, रेलिंग, लाइेंट्स और एफओबी आदि रिपेयर किए जाएंगे।
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10 साल का कांट्रैक्ट दिया जाएगा
सीएम ने कहा, एजेंसी को मेंटिनेंस के लिए 10 साल का कांट्रैक्ट दिया जाएगा, जो कुछ भी टूटने पर 24 घंटे में रिपेयर करेगी। 10 साल में हर सड़क की दो बार री-सर्फेसिंग होगी। प्रतिदिन मैकेनिकल स्पीपिंग के साथ सड़कों, फुटपाथों, पेड-पौधों को हफ्ते में तीन दिन धोया जाएगा और डीप स्क्रबिंग कर कचरा साफ किया जाएगा। हम डीप स्क्रबिंग मशीनें, 150 टैंकर्स व स्प्रिंकलर के साथ 100 मैकेनाइज्ड रोड स्पीपर हायर करेंगे। इसी तरह, एमसीडी के 250 वार्डों की छोटी-छोटी सड़कों और उसके किनारे के पेड़-पौधों को धोने के लिए 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर हायर करेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल सड़कों को धोने में किया आएगा। थर्ड पार्टी कैमरा लगे वाहन से निगरानी करेगी। अगर कहीं कोई कमी दिखेगी तो कांट्रैक्टर पर भरी जुर्माना लगाया जाएगा। अगले 10 दिनों में कैबिनेट से सारे प्रपोजल पास हो जाएंगे और एक अप्रैल से सारा काम शुरू हो जाएगा।
कई पायलट प्रोजेक्ट करवाए और अब यह सफल होता दिख रहा है- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव समेत संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों को साफ-सुथरा व विश्वस्तरीय बनाने और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए कहा कि मैं कई सालों से जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था, अब वो प्रोजेक्ट सफल होता नजर आ रहा है। हम दिल्ली की सड़कों को बहुत सुंदर बनाना चाहते हैं। इस पर मैं कई सालों से काम रहा है। इस संबंध में कई पायलट प्रोजेक्ट करवाए। उन सबका परिणाम यह है कि अब यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ता नजर आ रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली सरकार सबसे पहले 45 फुट (18 मीटर से ज्यादा चौड़ी) से चौड़ी करीब 1400 किलोमीटर सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। हम पीडब्ल्यूडी की सारी सड़कों सुंदर बनाने जा रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि फुटपाथ के उपर स्लैब या कर्ब स्टोन निकला हुआ दिखाई देता है। कई जगहों पर फुटपाथ टूटे हुए हैं। सेंट्रल वर्ज टूटे पड़े हैं। पत्थर इधर-उधर पड़े हैं। ये सारे रिपेयर किए जाएंगे। सीएम ने रिपेयर करने पर बल देते हुए कहा कि अभी तक देखा गया है कि सरकारी पैसा लुटाने के लिए एक पत्थर टूटता है, तो सारा फुटपाथ बदल दिया जाता है। हम यह नहीं करेंगे। जहां एक पत्थर टूटा है, वहां एक पत्थर ही बदलेंगे और जहां दस टूटा है, वहां दसों को बदलेंगे।
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टूटी सड़कें और फूटपाथ 24 घंटे के अंदर रिपेयर किए जाएंगे
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वर्क ऑर्डर 20 मार्च के आसपास हो जाएगा और एक अप्रैल से काम चालू हो जाएगा और उसके छह महीने के अंदर रिपेयर का सारा काम पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद के मेंटिनेंस के लिए हम 10 साल का कांट्रैक्ट दे रहे हैं। इसके तहत जब भी कुछ टूटेगा, तो वो तत्काल रिपेयर किया जाएगा। उसके लिए नया कांट्रैक्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ब्रिज, फुटपाथ या कहीं पर भी कुछ टूटेगा, तो 24 घंटे के अंदर उसको रिपेयर किया जाएगा, ताकि दिल्ली की सड़कें हमेशा चमकती और सुंदर नजर आएं। इसी तरह, सड़कों में भी कहीं अगर गड्ढा या क्रैक होगा, तो उसको भी 24 घंटे के अंदर रिपेयर किया जाएगा। पांच साल के अंतराल पर सड़क की रिपेयरिंग करनी होती है। इसलिए 10 साल में हर सड़क की दो बार री-सर्फेसिंग की जाएगी। सेंट्रल लाइन, जेब्रा क्रॉसिंग और फूटपाथ आदि पर की गई पेंटिंग को तय मानक के अनुसार तीन से छह महीने में की जाएगी। ताकि सड़कें साफ-सुथरी नजर आएं। सड़कों और फूटपाथ की प्रतिदिन मैकेनिकल स्पीपिंग की जाएगी। इसके लिए कई मशीने हायर की जा रही हैं।
रोजाना सड़क से पोस्टर व बैनर हटाए जाएंगे
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 250 से अधिक एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर्स को हायर किया जा रहा है। दिल्ली में कुल 250 वार्ड हैं। हर वार्ड में एक मशीन दी जाएगी। इन 250 एंटी स्मॉग गन कम स्प्रिंकलर्स से दिल्ली की छोटी-छोटी सड़कों और सड़कों के दोनों तरफ लगे पेड़ों को धोया जाएगा। इसके लिए एजेंसी को फूटपाथ और सड़कों को धोने और मैकेनिकल स्पीपिंग के लिए 10 साल का कांट्रैक्ट दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि दिल्ली की सारी सड़कों को धोने के लिए प्रतिदिन लगभग 10 हजार किलोलीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। जलबोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को अभी यमुना में बहा दिया जाता है, लेकिन अब यह पानी सड़कों को धोने के काम आएगा। हम प्रतिदिन सड़कों पर पोस्टर्स, बैनर्स लगे होते हैं। अब इसको प्रतिदिन हटाया जाएगा। इसके अलावा, हम बड़े पैमाने पर पेड़ पौधे लगा रहे हैं। सड़कों की सेंट्रल वर्ज और सड़क के दोनों तरफ खाली जमीन पर बड़े स्तर पर पौधे लगाए जाएंगे।
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