INDIA Alliance: आम आदमी पार्टी (AAP) के सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है। ‘इंडिया गठबंधन’ में शामिल AAP खफा नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी के सूत्र के मुताबिक, हमने कांग्रेस दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का बयान मीडिया में देखा है। अगर कांग्रेस ने दिल्ली में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है तो इंडिया गठबंधन की मीटिंग में जाने का कोई मतलब नहीं है। अंतिम फैसला पार्टी की टॉप लीडरशिप लेगी।
तीन घंटे हुई बैठक
दरअसल, बुधवार को कांग्रेस की तीन घंटे तक बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा- दिल्ली लोकसभा की सभी सातों सीटों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक में राहुल गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, के.सी. वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया मौजूद रहे। इस मीटिंग के मायने यही निकाले जा रहे हैं कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
लोकसभा के लिए 7 महीने और 7 सीटें
कांग्रेस के टॉप लीडर्स ने दिल्ली लोकसभा की सभी सातों सीटों पर तैयारी करने को कहा, जिसका मतलब कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसमें संगठन को मजबूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई। कहा गया कि दिल्ली लोकसभा के लिए 7 महीने और 7 सीटें हैं। सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से निकलना है, संगठन की तरफ से जिसको जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है, उसे हम निभाएंगे।
कांग्रेस ने अपनी रणनीति के बारे में नहीं बताया
हालंकि कांग्रेस ने अभी अपनी रणनीति के बारे में नहीं बताया है, लेकिन सूत्रों द्वारा पता चला मीटिंग में आम आदमी पार्टी से गठबन्धन को लेकर कोई बात नहीं हुई है। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को इतना जरूर कहा कि दिल्ली सेवा बिल पर कांग्रेस ने सैद्धांतिक रूप से AAP का साथ दिया था। ये किसी व्यक्ति के समर्थन में नहीं था। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली कि बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं से मिल कर काम करने, लोगों के बीच जाने और पार्टी लाइन के मुताबिक बयान देने की नसीहत दी।
दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने के निर्देश
वहीं खरगे ने दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने के निर्देश दिए हैं। राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को कहा कि पिछले दिनों वो दिल्ली के कई इलाकों में गए, लोगों से मिले। महंगाई, रोजगार को लेकर दिल्ली की जनता कांग्रेस पार्टी से उम्मीद करती है। साथ ही कहा कि दिल्ली में कांग्रेस अपनी कमजोरियों को दूर करे और संगठन को मजबूत करने का काम करे। दिल्ली कांग्रेस के करीब 40 नेताओं के साथ ये मीटिंग हुई। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी के अलावा अलका लांबा, हारून यूसुफ, लवली अन्य नेता मीटिंग में मौजूद थे।