नई दिल्ली: दिल्ली के शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद ने सोमवार को कहा कि एक बार फिर केजरीवाल सरकार की ईमानदारी के आगे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे ग़रीब बच्चों की पढ़ाई को रोकने के उपराज्यपाल के मंसूबे धरे के धरे रह गए। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया था कि दिल्ली में गेस्ट टीचर्स की भर्ती में अनियमितता हुई है। लेकिन उपराज्यपाल द्वारा इसपर कराई गई जांच में केजरीवाल सरकार की ईमानदारी का सबूत मिला और साफ़ हो गया कि एलजी का ये आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत है।
गेस्ट टीचर्स का अपमान हुआ
शिक्षा मंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा ये आरोप लगाया गया था कि शिक्षा विभाग द्वारा गेस्ट टीचर्स की भर्ती में अनियमितता थी और इसके बाद एलजी ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स का अपमान करते हुए उन्हें घोस्ट टीचर कहा था। उनका आशय था की बड़ी संख्या में गेस्ट टीचर हैं ही नहीं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी इस मनगढ़ंत कहानी को सच साबित करने के लिए उपराज्यपाल ने जांच कराई । अभी उस जाँच की रिपोर्ट आई है जिसने ये साबित कर दिया है कि एलजी का ये आरोप भी पूरी तरह से मनगढ़ंत था और निराधार थे। जांच में साफ़ किया कि जो गेस्ट शिक्षकों नियुक्त है वो न सिर्फ़ क्वालिफाइड हैं बल्कि उनकी रोज़ की उपस्थिति बायोमेट्रिक के द्वारा ऑनलाइन मार्क होती है ।
109 शिक्षक के केस में छोटी-मोटी कमियां
शिक्षा मंत्री ने कहा इस जांच में दिल्ली सरकार के स्कूलों में पोस्टेड 16600 गेस्ट टीचर्स के डाक्यूमेंट्स वेरिफ़ाई किए गए और सिर्फ़ 109 को छोड़ को छोड़कर किसी में केस में कोई भी कमी नहीं पायी गई है | उन्होंने कहा की 109 शिक्षक के केस ऐसे है जिनके डॉक्यूमेंट में छोटी-मोटी कमियां है। इन शिक्षकों को शिक्षा विभाग की ओर से अपने काग़ज़ात जमा कराने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है | उन्होंने कहा कि, उपराज्यपाल कभी कोई ख़्वाब देखते है और फिर जनता के काम रोकने के लिए उसके आधार पर दिल्ली सरकार पर आरोप लगा देते है। हद तो तब हो गई जब एलजी दिल्ली में ग़रीब लोगों के बच्चों की शिक्षा को रोकने का काम कर रहे है।