Delhi Sultanpuri Accident: कंझावला मामले में आरोपी ने पुलिस को बताया कि उन्हें पता था कि युवती कार के नीचे फंसी हुई है, लेकिन डर के कारण कार को नहीं रोका। बताया कि स्कूटी सवार युवती को टक्कर मारने के बाद वह कार के नीचे फंस गई थी। फिर कार को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लाया गया, इस दौरान करीब 12 किलोमीटर तक युवती कार के नीचे फंसी रही।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों को पता था कि अगर उन्होंने कार रोकी और महिला को बचाया तो उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली में 1 जनवरी की तड़के 20 साल की अंजलि हादसे की शिकार हो गई थी। दिल्ली में सड़क पर अंजलि की लाश मिली थी।
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तब तक कार चलाई जब तक शव नीचे नहीं गिरा
पुलिस के मुताबिक, आरोपी बेहद डरे हुए थे, जिसके चलते वे तब तक गाड़ी चलाते रहे, जब तक कि महिला का शव गिर नहीं गया। इससे पहले, आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि कार के अंदर तेज आजवा में म्यूजिक बज रहा था, इसलिए उन्होंने शव को नहीं देखा और जब उन्हें पता चला कि क्या हुआ है तो वे मौके से भाग गए। लेकिन अब उन्होंने कबूल किया है कि पहले का दिया गया उनका बयान झूठ था।
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मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया है। 20 वर्षीय अंजलि की मौत के मामले में दीपक खन्ना, मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, आशुतोष (कार के मालिक) और अंकुश को गिरफ्तार किया गया है। आशुतोष और अंकुश को न्य पांच लोगों की मदद करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि पीड़िता के शरीर पर 40 से अधिक चोट के निशान थे। उसकी पसलियां पीछे से निकल गई थीं। उसकी खोपड़ी का बेस टूट गया था। उसके सिर, रीढ़ और निचले अंगों में चोटें थीं। पीड़िता अंजलि के पांच भाई-बहन थे और वह परिवार की अकेली कमाने वाली थी। वह एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में काम करती थी।
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