नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में सोमवार को अरविंद केजरीवाल सरकार की बिजली मंत्री आतिशी मार्लेना ने एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना LG (The Lieutenant Governor of Delhi) और बिजली कंपनियों पर फ्री बिजली रोकने की साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ‘उपराज्यपाल की शह में अफसरों द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार को फ्री बिजली की फाइल नहीं दिखाई जा रही है।
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बिजली कंपनियों के CAG ऑडिट के आदेश दिए हैं। इसका जिक्र करते हुए मंत्री आतिशी ने बिजली कंपनियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनन-फानन में बिजली कंपनियों के बोर्ड में सरकार द्वारा लगाए गए विशेषज्ञों को हटाया जा रहा है। इससे साफ हो रहा है कि दिल्ली के लोगों को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा मिल रही फ्री बिजली की योजना को रोकने के लिए बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। इन साजिशों का पता लगाने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर दिल्ली की सभी बिजली कंपनियों के पिछले 8 सालों के अकाउंट की कैग के ऑडिटर से स्पेशल ऑडिट की जाएगी।
बिजली मंत्री आतिशी ने पूछे तीखे सवाल
बिजली मंत्री आतिशी ने पूछा कि बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञ देश के सबसे अच्छे चार्टेड अकाउंटेंट्स को बिजली कंपनियों के बोर्ड से क्यों हटाया गया? क्या एलजी और अधिकारी बिजली कंपनियों से सांठगांठ कर कोई बड़ी साजिश कर रहे हैं? दिल्ली की चुनी हुई सरकार को फ्री बिजली से जुड़ी फाइल क्यों नहीं दिखाई जा रही है? क्या एलजी की शह में अधिकारीयों की बिजली कंपनियों से कोई सांठगांठ है? क्या एलजी और अधिकारियों की बिजली कंपनियों से कोई सांठ-गांठ है? इसका पता लगाने के लिए स्पेशल ऑडिट करवाई जाएगी।
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स्पेशल ऑडिट से होगा पर्दाफाश- बिजली मंत्री
बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि बिजली कंपनियों की स्पेशल ऑडिट से दिल्ली को लोगों को केजरीवाल सरकार द्वारा दी जा रही फ्री बिजली को रोकने की साजिशों का पर्दाफाश होगा। स्पेशल ऑडिट से साफ होगा कि बिजली कंपनियों को फ्री बिजली के लिए जो पैसे दिए गए सांठ-गांठ कर कही जनता के उन पैसों का दुरुपयोग तो नहीं हुआ।
15 दिन बीतने के बीद भी LG दफ्तर से मुख्यमंत्री के पास नहीं पहुंची फाइल
बिजली मंत्री आतिशी ने आगे ने कहा कि दिल्ली में फ्री बिजली से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं, वो बेहद गंभीर सवाल उठाते हैं। 15 दिन बीतने के बाद भी एलजी दफ्तर से फ्री बिजली के संबंध में जो फाइल निकली वो अबतक मुख्यमंत्री, बिजली मंत्री या कैबिनेट तक नहीं पहुंची है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि दिल्ली वालों को मिल रही फ्री बिजली को रोकने के लिए जरुर कोई बड़ी साजिश की जा रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो इतनी महत्वपूर्ण फाइल को मुख्यमंत्री, बिजली मंत्री और कैबिनेट से क्यों छुपाया जा रहा है?
एलजी के निर्देश पर हटाए गए बिजली क्षेत्र के एक्सपर्ट्स
मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि एलजी और उनके शह में अफसरों ने दिल्ली सरकार द्वारा बिजली कंपनियों के बोर्ड में लगाए गए विशेषज्ञों को दिसंबर महीने में एड़ी-चोटी का जोर लगाकर हटा दिया गया, जबकि सरकार द्वारा इस बोर्ड में पॉलिसी एक्सपर्ट्स, बिजली के क्षेत्र के एक्सपर्ट्स, देश के बेस्ट सीए लगाए गए। ऐसे में एलजी के निर्देश पर इन एक्सपर्ट्स को बोर्ड से हटाया गया। ये सभी तथ्य जाहिर कर रहे हैं कि जरुर कोई बड़ी साजिश रची जा रही है।
मंत्री आतिशी ने उठाए ये सवाल
मंत्री आतिशी ने कहा कि अब ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या एलजी साहब की बिजली कंपनियों से कोई सांठगांठ है? क्या उनकी शह में दिल्ली सरकार के अफसरों, मुख्य सचिव, बिजली सचिव की बिजली कंपनियों से कोई सांठगांठ है? जिसकी वजह से महत्वपूर्ण फाइल को चुनी सरकार से छुपाया जा रहा है, क्या इसी सांठगांठ की वजह से चुनी हुई सरकार द्वारा बोर्ड में लगाये गए एक्सपर्ट्स को आननफानन में हटाया गया?
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दिल्ली के लोगों को 24 घंटे और फ्री बिजली देना हमारी प्रतिबद्धता
बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के लोगों को 24 घंटे और फ्री बिजली देना केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता है। अगर कोई भी इसे साजिशन रोकने का प्रयास करता है तो हम उसे असफल करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संभावित सांठगांठ जिसकी वजह से दिल्ली के लोगों को मिल रही फ्री बिजली पर खतरा हो रहा है। उसे रोकने और साजिश का पर्दाफाश करने के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी ने निर्देश दिया है।
स्पेशल ऑडिट करेगा बिजली कंपनियों की जांच
बिजली मंत्री आतिशी ने बताया कि सीएम केजरीवाल ने आदेश दिया है कि दिल्ली के सभी बिजली कंपनियों का कैग के पैनल में शामिल ऑडिटरों द्वारा विशेष ऑडिट किया जायेगा, जिसमें बिजली कंपनियों के सारे अकाउंट की जांच होगी और देखा जायेगा कि जो पैसा पिछले 8 साल में दिल्ली की सरकार ने बिजली कंपनियों को दिया उसका क्या हुआ? कैसे उपयोग किया गया? साथ ही इस बात का भी पता लगाया जायेगा कि क्या किसी अफसरों की बिजली कंपनियों से सांठ-गांठ तो नहीं थी या जिन डायरेक्टर्स को लगाया गया उन्होंने तो बिजली कंपनियों से कोई सांठ-गांठ तो नहीं की। ये स्पेशल ऑडिट इन सांठ-गांठ का पता लगाएगा और इसमें बिजली कंपनियों के 8 साल के हिसाब किताब का ऑडिट किया जाएगा।
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