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दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: पति को खुलेआम बेइज्जत करना, नपुंसक कहना मानसिक क्रूरता के बराबर

Calling Husband Impotent Openly Is Mental Cruelty: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका स्वीकार कर ली है जिसमें उसने पत्नी से तलाक लेने के लिए अनुमति मांगी थी। इसने याचिका में कहा है कि उसकी पत्नी बार-बार सबसे सामने उसे नपुंसक कहती है और खुलेआम अपमानित करती है। दोनों के बीच विवाद की स्थिति इसलिए बनी थी क्योंकि उनके संतान नहीं हो रही थी। पढ़िए हाईकोर्ट ने क्या-क्या कहा।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 25, 2024 13:42
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Representative Image (Pixabay)

Calling Husband Impotent Openly Is Mental Cruelty: दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में सुनवाई के दौरान बहुत अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि पत्नी की ओर से पति को परिवार वालों के सामने बेइज्जत करना और उसे नपुंसक कहना मानसिक अत्याचार के बराबर है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने यह बात कहते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता व्यक्ति को तलाक की अनुमति दे दी है।

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पीठ ने अपने फैसले में कहा कि अगर पत्नी अपने पति को सबसे सामने बेइज्जत करती है और बाकी लोगों के सामने उसे नपुंसक कहती है और परिवार वालों के सामने सेक्स लाइफ पर चर्चा करती है तो इसे केवल उत्पीड़न का नाम दिया जा सकता है। इसकी वजह से अपील करने वाले को मानसिक क्रूरता का सामना करना पड़ा है। इस व्यक्ति ने अपनी याचिका में कहा था कि उनका बच्चा नहीं हो रहा है। जांच में पता चला था कि समस्या पत्नी में है, फिर भी वह पति को दोष देती है।

 

फिट था व्यक्ति फिर भी पत्नी उसे कहती थी नपुंसक

याचिका में कहा गया है कि दोनों की शादी साल 2011 में हुई थी। हर जोड़े की तरह वह भी अपने परिवार को बढ़ाना चाहते थे। सामान्य तरीके से असफल रहने पर उन्होंने दो बार आईवीएफ प्रक्रिया का भी सहारा लिया था। इसके बाद भी संतान नहीं हुई तो दोनों में विवाद शुरू हो गए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पत्नी उसे सबसे सामने नपुंसक कहकर बेइज्जत करती थी, जबकि ऐसा करने के लिए उसके पास कोई आधार नहीं है। साथ ही घरवालों के सामने अपमानित करती थी।

पत्नी ने खारिज किए आरोप, दहेज उत्पीड़न का दावा

अदालत ने कहा कि याचिककर्ता ने दावा किया है कि पत्नी ने उस पर कई बार नपुंसक होने का गलत आरोप लगाया। जबकि वह बिल्कुल फिट है और शारीरिक संबंध बनाने में पूरी तरह से सक्षम है। वहीं, इस व्यक्ति की पत्नी ने इन आरोपों को गलत बताया और दावा किया कि उसका दहेज के लिए उत्पीड़न किया गया। लेकिन, कोर्ट को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो उसके दावे को सही ठहरा सके। इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को तलाक लेने की अनुमति दे दी।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Mar 25, 2024 01:37 PM

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