---विज्ञापन---

3 साल में दिया इस्तीफा, फिर कभी नहीं मिली सत्ता, जवान बेटे की मौत से लगा सदमा; दिल्ली के पहले CM का किस्सा

Delhi First CM Madan Lal Khurana: दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे। सीएम पद से इस्तीफा देने का मलाल उन्हें पूरी जिंदगी रहा। उनके बेटे हरीश खुराना को बीजेपी ने दिल्ली की मोती नगर सीट से अपना चुनावी उम्मीदवार बनाया है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jan 22, 2025 10:17
Share :
Delhi First CM Madan Lal Khurana

Delhi First CM Madan Lal Khurana: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। 5 फरवरी को राजधानी में मतदान होगा। दिल्ली की गद्दी पाने के लिए सभी बड़ी पार्टियों की होड़ लगी है। दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? यह जानने को सभी बेताब हैं। मगर आइए आज हम आपको दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना से रूबरू करवाते हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मदन लाल खुराना बतौर CM अपना कार्यकाल पूरा न कर सके। वहीं जब अदालत से उन्हें क्लीन चिट मिली तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

दिल्ली को राज्य बनाने की मांग

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेताओं में मदन लाल खुराना का नाम भी शामिल था। 1983 से ही वो झंडा लेकर दिल्ली की झुग्गियों में घूमते थे। उस दौरान दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश थी, जिसका पूरा अधिकार केंद्र के पास था। वहीं केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। लिहाजा मदन लाल खुराना समेत कई नेताओं ने दिल्ली को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग छेड़ दी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- दिल्ली में 37 साल तक क्यों नहीं हुए विधानसभा चुनाव? पहले चुनाव में बीजेपी ने रचा था इतिहास

दिल्ली का पहला विधानसभा चुनाव

1987 में जस्टिस सरकारिया के नेतृत्व में एक आयोग का गठन हुआ और 1992 में 61वें संविधान संशोधन के तहत दिल्ली को राज्य का दर्जा दे दिया गया। अगले ही साल 1993 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का आगाज हुआ। मदन खुराना दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष थे और उन्हीं की अगुवाई में बीजेपी ने दिल्ली में चुनाव लड़ा था।

---विज्ञापन---

Madanlal Khurana

राजधानी के पहले CM बने खुराना

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 49 बीजेपी के खाते में आई और 47% वोट शेयर के साथ बीजेपी दिल्ली की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। मदन खुलाना को दिल्ली की सत्ता सौंपी गई। हालांकि उनकी सरकार ज्यादा दिन तक दिल्ली पर राज नहीं कर सकी।

CM पद से दिया इस्तीफा

1996 में मशहूर उद्योगपति एसके जैन ने कई नेताओं पर हवाला कांड के तहत पैसे लेने का आरोप लगाया था। इस लिस्ट में बीजेपी के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी का नाम भी मौजूद था और आडवाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी लिस्ट में मदन लाल खुराना का भी नाम लिखा था और आडवाणी की देखा देखी उन्होंने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

यह भी पढ़ें- दिल्ली चुनाव के 5 सबसे कड़े मुकाबले, 50 से कम वोट में हुआ हार-जीत का फैसला

3 महीने में मिली क्लीन चिट

कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि मदन लाल खुराना ने इस आधार पर इस्तीफा दिया था कि मामले में न्याय मिलने के बाद उन्हें उनकी सीएम की कुर्सी भी लौटा दी जाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। 3 महीने बाद अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी, लेकिन मदन लाल खुराना दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन सके और उन्हें अपनी इस गलती का मलाल जिंदगी भर रहा।

madan lal khurana

2003 का चुनाव हारे

2003 के विधानसभा चुनाव में मदन लाल खुराना को दोबारा सीएम चेहरा बनाया गया। हालांकि तब तक वो पार्किसन नामक बीमारी से ग्रसित थे और उनकी याद्दाश्त जाने लगी थी। मदन लाल खुराना अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को नहीं पहचान पाते थे। इस चुनाव में कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने जीत हासिल की और मदन लाल खुराना ने सक्रिय राजनीति से किनारा कर लिया।

राज्यपाल के पद से दिया इस्तीफा

14 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त कर दिया। बतौर राज्यपाल मदन लाल खुराना ने पहली बार राजभवन में जनता दरबार लगाया। आम लोगों की समस्या दूर करने के लिए वो सीधे अधिकारियों को फोन कर लगे। ऐसे में अधिकारियों ने उनकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से कर दी। वसुंधरा राजे ने यह बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाई और 11 महीने में ही मदन लाल खुराना ने फिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

बेटे की मौत से लगा सदमा

मदन लाल खुराना की राजनीतिक विरासत संभालने वाले उनके बड़े बेटे का 17 अगस्त 2018 को हार्ट अटैक से निधन हो गया। बेटे की मौत का उन्हें गहरा सदमा लगा और 27 अक्टूबर 2018 को मदन लाल खुराना ने भी दम तोड़ दिया। अब उनके छोटे बेटे हरीश खुराना पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। बीजेपी ने आगामी चुनाव में उन्हें मोती नगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में कितनी सीटों पर निर्णायक हैं जाट? केजरीवाल के OBC कार्ड खेलने के पीछे की रणनीति

HISTORY

Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Jan 22, 2025 10:17 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें