Delhi News: दिल्ली में स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के लिए अब डीडीए ने 10 हजार नए फ्लैटों का निर्माण करवाने का फैसला लिया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इसके लिए एक निजी फर्म के साथ भी करार किया है। निजी फर्म को ट्रांजेक्शन एडवाइजर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फर्म डीडीए की 10 पुनर्वास योजनाओं का आकलन करेगी। डीडीए की पूरी योजना के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
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दिल्ली में डीडीए ने स्लम बस्तियों के जीर्णोद्धार को लेकर काम शुरू किया है। इससे पहले दिल्ली के अशोक विहार इलाके में स्लम एरिया के लोगों के लिए फ्लैट बनाए जा चुके हैं। डीडीए लगातार जेजे क्लस्टर में रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। अब दूसरी झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए फ्लैट बनाने को लेकर डीडीए ने प्रोजेक्ट तैयार किया है।
7 महीने में आकलन करेगी फर्म
डीडीए की ओर से मूल्यांकन और डेवलपर्स की भागीदारी को लेकर संबंधित निजी फर्म को एग्रीमेंट लेटर जारी भी किया जा चुका है। डीडीए ने जो 10 परियोजनाएं बनाई हैं, उनमें दिल्ली के विभिन्न इलाकों के 19 जेजे क्लस्टर शामिल किए गए हैं। इनमें लगभग 26438 घर आते हैं। इसके आकलन के लिए डीडीए ने संबंधित फर्म को 7 महीने का समय दिया है। तीन प्रोजेक्टों की बात करें तो इनमें लगभग 10 हजार घर शामिल हैं। एक-एक प्रोजेक्ट कालकाजी, दिलशाद गार्डन, शालीमार बाग और पीतमपुरा से जुड़ा है।
350 बस्तियां डीडीए की जमीन पर
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार दिल्ली में लगभग 675 बस्तियां ऐसी हैं, जो जेजे क्लस्टर की जमीन पर हैं। इनमें 350 की जमीन डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। पिछले साल नवंबर में एक बैठक एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई थी। इस बैठक में डीडीए की झुग्गी बस्ती एवं पुनर्वास नीति में बदलाव को मंजूरी दी गई थी। डीडीए के एक बयान के अनुसार नीति में बदलाव 100 फीसदी लोगों को योजनाओं का लाभ देने के लिए लाया गया था। इसके तहत स्लम एरिया में रहने वाले लोगों को घर उपलब्ध करवाया जाना है।
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