Delhi Assembly Elections: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होनी है, 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। चुनाव से ऐन पहले सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) को 8 विधायकों ने छोड़ दिया है। इस्तीफा देने वालों में त्रिलोकपुरी के विधायक रोहित कुमार, महरौली के नरेश यादव, कस्तूरबा नगर के मदन लाल, जनकपुरी के राजेश ऋषि, बिजवासन के भूपेंद्र सिंह जून, पालम की भावना गौड़ और आदर्श नगर के पवन शर्मा शामिल हैं। हालांकि इस्तीफा देने वाले विधायकों को आप ने टिकट नहीं दिया है।
इन विधायकों का कहना है कि उनका आप और अरविंद केजरीवाल से विश्वास उठ चुका है। नरेश यादव को पार्टी ने महरौली से टिकट दिया था। बाद में उनका टिकट बदलकर महेंद्र चौधरी को थमा दिया गया। विधायक रोहित कुमार ने आरोप लगाया कि पार्टी ने दलित समाज और उनकी अनदेखी की। अन्य विधायकों ने भी यही राग अलापा कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक चुकी है। पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनीति में उभरी थी, लेकिन बाद में उसी में डूब गई।
21 पुराने चेहरों को टिकट नहीं मिला
आप ने इस बार 17 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए थे। 4 विधायकों के बजाय उनके परिवार के लोगों को उतारा गया। ऐसे में कुल मिलाकर पार्टी ने 21 चेहरों को बदल दिया। हरि नगर से मौजूदा विधायक राजकुमारी ढिल्लों को पहले टिकट दिया गया। बाद में टिकट बदलकर सुरेंद्र सेटिया को थमा दिया गया। नरेला से दिनेश भारद्वाज के बजाय फिर मौजूदा विधायक शरद चौहान को टिकट थमा दिया गया।
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BBC की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव से ऐन पहले पार्टी छोड़ने के पीछे इन विधायकों की रणनीति दबाव बनाने की है। ये भी संभावना है कि इनको विपक्ष ने उकसाया हो। ऐसे में सवाल यही उठता है कि टिकट कटते ही इन लोगों ने रिजाइन क्यों नहीं किया? 7 लोगों ने एक साथ इस्तीफा दिया, सवाल ये है कि क्या इन लोगों ने एक साथ विचार किया? पार्टी को हतोत्साहित करने की मंशा कहीं न कहीं हो सकती है।
कुछ विधायक जारी कर रहे वीडियो
रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि जो आदमी दिल्ली को डेवलप देखना चाहेगा, वह आप के साथ नहीं रहेगा। सचदेवा के अनुसार महत्वपूर्ण ये नहीं है कि इन विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा है। महत्वपूर्ण ये है कि इन लोगों ने कहा क्या है? अन्ना हजारे से जो शुरुआत हुई, वह कहीं न कहीं इन विधायकों पर आकर रुकी है। कई विधायक ऐसे हैं, जिनका टिकट कटा है, लेकिन वे वीडियो जारी कर सफाई दे रहे हैं कि आप के साथ हैं। इस लिस्ट में एक नाम दिलीप कुमार पांडे का है, जिनका इस बार तिमारपुर से टिकट कटा है।
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किराड़ी के विधायक ऋतुराज गोबिंद ने भी आरोप लगाए हैं कि बीजेपी ने उनको कई तरह के प्रलोभन दिए, कई बार संपर्क करने की कोशिश की। विधायकों के पार्टी छोड़ने का जीत-हार पर असर होगा, विश्लेषक ऐसा नहीं मानते। क्योंकि अब वोटर काफी जागरूक हो चुके हैं। वे अपना रुख पहले से तय कर लेते हैं कि किस पार्टी के साथ जाना है? यह चुनाव बीजेपी के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार खुद मोदी भी एक्टिव हैं। हालांकि दिल्ली के चुनाव को पहले कभी इतना खास नहीं माना जाता था, लेकिन इस बार आप और बीजेपी दोनों ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है।