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दिल्ली में ऑड-ईवन नियम से अबतक कितना हुआ है फायदा, आखिर यह क्यों है जरूरी?

Odd Even in Delhi: दिल्ली सरकार द्वारा पहले शुरू की गई ऑड-ईवन स्कीम को कुछ खास सफलता नहीं मिली थी, हवा की गुणवत्ता पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Nov 6, 2023 14:52
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फाइल तस्वीर (ANI)

Air Pollution in Delhi: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा इसपर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। राजधानी में ऑड-ईवन का नियम फिर से लागू कर दिया गया है। यह नियम 13 से 20 नवंबर तक लागू रहेगा। इसमें विषम संख्या वाली कारें विषम दिनों में और सम संख्या वाली कारें सम दिनों में चलेंगी। इस फॉर्मूले को बहुत खतरनाक स्थिति में लागू किया जाता है। दिल्ली में BS 3 पेट्रोल और BS 4 डीजल कार पर बैन जारी रहेगा। साथ ही निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है।

सरकार के इस फैसले से अब सड़कों पर गाड़ियां आधी हो जाएंगी। बताया जा रहा है कि इस वजह से ईंधन की खपत घटेगी और हवा में प्रदूषण कम होगा। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे। ऑड-ईवन पहले भी लागू किया जाता रहा है। इससे ईंधन की भी बचत होती है और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इससे पहले किए गए कुछ सर्वे में बताया गया कि ऑड-ईवन के नियम से कुछ हद तक वायु प्रदूषण कम होता है। हालांकि कुछ में यह भी कहा गया कि इससे कुछ खास अंतर नहीं पड़ता है।

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कितना कारगर होगा साबित

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सड़कों पर वाहनों के कम होने से निश्चित तौर पर कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जिससे प्रदूषण थोड़ा कम तो होना चाहिए। अब देखना है कि प्रदूषण कम करने में यह कितना कारगर साबित होता है। दिल्ली में पहले भी इसे लागू किया जा चुका है। दिल्ली सरकार का इसे लागू करने के पीछे मकसद प्रदूषण कम करना है। ऑड-ईवन को लेकर लोग प्रश्न उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे प्रदूषण को कम करने में कोई खास फायदा नहीं होता है। यह प्रदूषण को कम करने का स्थाई समाधान नहीं है।

नहीं मिली है खास सफलता

हालांकि इससे तात्कालिक तौर पर थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है। दिल्ली में सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों से उतना प्रदूषण नहीं फैलता है जितना निर्माण कार्य और सड़कों पर उड़ने वाली धूल से होता है। इसके पहले एनजीटी भी इस स्कीम की प्रासंगिकता पर सवाल उठा चुकी है। दिल्ली सरकार द्वारा इससे पहले शुरू की गई ऑड-ईवन स्कीम को कुछ खास सफलता नहीं मिली थी। इससे हवा की गुणवत्ता में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि इसका बिल्कुल भी फायदा नहीं है।

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Edited By

Shubham Singh

First published on: Nov 06, 2023 02:31 PM

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