पल्लवी झा, नई दिल्लीः चार पैसे कमाने के लिए लोग अपने देश से हजारों-लाखों किमी दूर विदेशों में जाते हैं। इस दौरान विदेश में किसी के साथ अनहोनी या हादसे में मौत हो जाती है तो भारत में बैठे परिवार को असहनीय पीड़ा के साथ-साथ अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस समस्या को देखते हुए एक नई व्यवस्था की गई है।
परिवार को होने पड़ता था परेशान
सामान्य तौर पर देखा जाता है कि यदि विदेश में किसी भारतीय की मौत हो जाती हैं, तो भारत में उसके परिवार वालों को काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। विदेश से शव को भारत लाने में काफी दिक्कतों से गुजरना पड़ता था। इन्हीं सब बातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश की विमानन कंपनियों के जरिए ई-केयर नाम से एक नई व्यवस्था शुरू की है।
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आईजीआई एयरपोर्ट पर बनेगा नोडल ऑफिस
दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भारत के लिए नोडल एयरपोर्ट बनाया गया है। गुरुवार से शुरू हो रही इस सेवा के संबंध में एयरलाइंस कंपनियां एक एप्लीकेशन देंगी। शव को लेकर जो भी सूचनाएं या व्यवस्थाएं होंगी, वे सभी इस एप्लीकेशन के जरिए संबंधित लोगों तक पहुंच जाएगी। साथ ही बताया गया है कि भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक सूचना दिल्ली में बने एयरपोर्ट के दफ्तर से चली जाएगी।
इन चार कागजों की जरूरत पड़ेगी
- मृत्यु प्रमाणपत्र (डेथ सर्टिफिकेट)
- शव को सुरक्षित रखने के लिए उस पर किए गए रसायनों के लेप का प्रमाणपत्र (Embalming certificat)
- भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी)
- मृतक का रद्द पासपोर्ट
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