Union Home Minister Amit Shah On women’s quota Bill, नई दिल्ली: महिला आररक्षण विधेयक पारित होने के बाद देशभर की नारीशक्ति में उत्साह का माहौल है। राजनैतिक गलियारों में भी इसको लेकर केंद्र सरकार की खासी सराहना हो रही है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस कानून के संसद में पारित होने के पल को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में लैंगिक समानता और समावेशी शासन का एक शक्तिशाली संदेश भेजा है। उन्होंने कहा, ‘मोदी जी को मेरा हार्दिक आभार और प्रत्येक नागरिक को बधाई’।
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नए कानून में लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान
ध्यान रहे, बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। इस सदन में मंजूरी मिलने के एक दिन बाद गुरुवार को उच्च सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसमें 215 सदस्यों ने सर्वसम्मति से समर्थन में मतदान किया, वहीं कोई वोट विरोध में नहीं गया। लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक के पारित होने के बाद, संसद के दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
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इसी बीच, महिला सांसदों ने बारी-बारी से विधेयक के पारित होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए। पीटी उषा और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी सहित संसद के दोनों सदनों की महिला सदस्यों ने संसद में विधेयक के ऐतिहासिक पारित होने पर प्रधान मंत्री मोदी को गुलदस्ता भेंट करते समय मुस्कुराहट दी। बाद में संसद के दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले, बुधवार को यह विधेयक लोकसभा में विधायी परीक्षण में सफल रहा क्योंकि इसे पक्ष में 454 और विपक्ष में सिर्फ 2 वोटों के भारी बहुमत से पारित किया गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद के उच्च सदन में संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पर दिनभर चली बहस का संक्षिप्त जवाब दिया और कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इसे लागू किया जाएगा। वोटिंग से पहले पीएम मोदी ने राज्यसभा सदस्यों से बिल को सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा।
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उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों और राजनैतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और ‘नारी शक्ति’ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए हम देश को एक मजबूत संदेश दें। उधर, यह बात भी उल्लेखनीय है कि राज्यसभा ने इससे पहले 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित किया था, लेकिन इसे लोकसभा में नहीं लाया गया और बाद में संसद के निचले सदन में यह रद्द हो गया था।