रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चलते किसान अब धान के बदले दूसरी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। यह योजना किसानों के लिए शासन की महत्वाकांक्षा योजना में से एक है।
अन्य फसलों की उपज के लिए मिल रहा प्रोत्साहन
इसी क्रम में हम बात कर रहे हैं बेमेतरा जिले के विकासखंड बेरला के ग्राम पंचायत पतोरा निवासी एन कुमार साहू से। एन कुमार बताते हैं कि इनके द्वारा कुल 2.06 हेक्टेयर जमीन में कृषि का कार्य किया जाता है। योजना से पूर्व कृषक द्वारा केवल धान की खेती की जाती थी। परंतु शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के पश्चात कृषक के द्वारा 1.60 हेक्टेयर में पपीता एवं सब्जी तथा केवल 0.42 हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है। धान की खेती से अन्य फसलों की खेती हेतु प्रोत्साहन राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्राप्त हुआ। कृषक को कुल 69000 रुपये शासन के द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्राप्त हुआ है।
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फसल चक्र होने से मिट्टी की उर्वराशक्ति में हुई वृद्धि
किसान बताते हैं कि धान के अलावा दूसरी फसल अपनाने से उनकी आय में वृद्धि हुई है एवं फसल चक्र होने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि हुई है। इसके साथ-साथ खेती की वैज्ञानिक विधियों को किसानों के द्वारा अपनाया जा रहा है। जिससे कृषक के आर्थिक एवं सामाजिक स्तर में सुधार हुआ है। कृषक ने शासन को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को उनकी उपज की सही कीमत दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना सफल है।