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छत्तीसगढ़

रायपुर: खैरागढ़ विकासखंड के घोठिया ग्राम की महिलाएं खुद बना रही हैं आर्थिक सशक्तीकरण की राह, सरकारी योजनओं का मिला लाभ

रायपुर: गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कार्य कर रहे हितग्राहियों को अब तक 538 करोड़ 89 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसमें से योजना के प्रारंभ होने के बाद से अब तक गोबर विक्रेताओं को 237.28 करोड़ रूपए तथा स्व- सहायता समूहों […]

Author Edited By : Gyanendra Sharma Updated: Jun 9, 2023 14:08
Ghotiya village

रायपुर: गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कार्य कर रहे हितग्राहियों को अब तक 538 करोड़ 89 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसमें से योजना के प्रारंभ होने के बाद से अब तक गोबर विक्रेताओं को 237.28 करोड़ रूपए तथा स्व- सहायता समूहों एवं गौठान समितियों को 223.60 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह ही नवनिर्मित जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में भी गोधन न्याय योजना की शुरूआत के साथ ही ग्रामीण अंचालों में रोजगार के नये अवसर के रास्ते भी खुलते जा रहे हैं। गौठानों में गोबर विक्रय, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी से आय अर्जन करना, पशु-पालकों एवं महिला समूह के लिए योजना अंतर्गत पशु-पालक एवं महिला स्वयं सहायता समूह आर्थिक सक्रियता की ओर बढ रहे हैं।

आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ी महिलाएं

विशेष तौर पर महिलाएं स्व सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही स्वालंम्बन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। समूह के माध्यम से महिलाएं गौठानों में कार्य करते हुए अपने आर्थिक विकास के लिए अतिरिक्त नवीन गतिविधियों को अपनाकर आर्थिक सशक्तीकरण के नये सोपान तय करने की दिशा में भी अग्रसर है। वर्मी खाद उत्पादन एवं विक्रय वर्तमान में जैविक खेती की दिशा में आगे बढ़ रहे कृषकों के लिए सबसे अनिवार्य अवयव है, जो महिला समूहों के लिए अतिरिक्त आमदानी का सबसे सफल माध्यम है।

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जिले के विकासखंड खैरागढ़ के घोठिया गौठान की पद्म जय मां भवानी स्वयं सहायता समूह ने इस अवसर को पहचाना है और वैज्ञानिक तरीके से वर्मी खाद उत्पादन कर किसानों को अब तक 400 क्विंटल खाद का विक्रय कर 4 लाख रूपए एवं गौठानों को वर्मी खाद उत्पादन हेतु केंचुवा उपलब्ध कराते हुए 1 लाख रूपए की आय अर्जित की है।

प्रशिक्षण के कारण महिलाएं कार्य में पारंगत हुईं

समूह की अध्यक्ष श्रीमती दीपा बाई साहू के अनुसार शासन व प्रशासन की मदद से प्रांरभिक तौर पर प्रशिक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन के कारण ही महिला समूह इस कार्य में पारंगत हुई हैं। आर्थिक रूप से सशक्त होने से समूह के सभी सदस्य लाभांश को बच्चों के उत्कृष्ट शिक्षा व स्वयं की अनिवार्य जरूरतें पूरी करने जैसे आवश्यक कार्य को करने में खर्च कर रही हैं।

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First published on: Jun 09, 2023 02:08 PM

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