---विज्ञापन---

किसानों के लिए संजीवनी बनी ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’, जानें अन्नदाता की सफलता की कहानी

Chhattisgarh News: कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चलते किसान अब धान के बदले दूसरी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: May 15, 2023 12:23
Share :
Chhattisgarh News

Chhattisgarh News: कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चलते किसान अब धान के बदले दूसरी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे है।

क्योंकि धान के अलावा अन्य फसलों को उगाने के लिए शासन छत्तीसगढ़ के किसानों को 9 से 10 हजार प्रति एकड़ सब्सिडी दे रही है।

---विज्ञापन---

सरकार खरीद रही किसानों से धान

छत्तीसगढ़ में किसानों को उनकी उपज की सही कीमत दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित है। प्रदेश में किसानों को पिछले चार वर्षों में 18,208 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। राज्य के अन्नदाताओं की बेहतरी और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने राज्य सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी करने का निर्णय लिया है।

कृषि विभाग से मिला फ्री कीटनाशक

किसान तेजराम गुप्ता ने बताया कि उनके पास कुल 4.130 हेक्टेयर जमीन है। जिसमें वे खरीफ में धान की खेती करते हैं एवं रबी में 2 हेक्टेयर में धान की खेती करते थे। इस रबी के मौसम में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में बताया गया तथा उनके द्वारा दी गई जानकारी से प्रभावित होकर उन्होंने 2 हैक्टेयर में सूरजमुखी लगाने का निश्चय किया। कृषि विभाग से उन्हें बीज सुक्ष्म पोषक तत्व एवं कीटनाशक निशुल्क प्रदान किया गया।

---विज्ञापन---

कम पानी में हो जाती है सूरजमुखी की खेती

उन्होंने 5 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट स्वयं से क्रय करके उपयोग किया। 3 गहरी जुताई एवं 2 बार रोटावेटर से जुताई करके खेत तैयार किया गया। बीज की बुवाई के समय वर्मी कम्पोस्ट को अच्छी तरह खेत में मिलाने के बाद बीज की लाईन से बुवाई किया गया। बीज बुवाई के 25-30 दिन बाद निंदाई गुडाई एवं मिट्टी चढ़ाने का काम किया गया। समय-समय पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई की गई।

इसमें धान की तुलना में बहुत की कम मात्रा में पानी की आवश्यकता हुई। वर्तमान में फसल काटने योग्य हो चुकी है एवं फसल की उपज काफी अच्छी हुई है। उन्होंने बताया कि इस फसल से काफी मात्रा में लाभ होने की उम्मीद है।

किसान तेजराम गुप्ता द्वारा सूरजमुखी की फसल अपनाने में उनकी आय में वृद्धि होगी एवं फसल चक्र होने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हुई है। साथ ही साथ खेती की वैज्ञानिक विधियों को किसानों के द्वारा अपनाया जा रहा है।

HISTORY

Written By

Rakesh Choudhary

First published on: May 15, 2023 12:19 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें