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Chhattisgarh में अनोखा मंदिर, मुराद पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं घोड़े और हाथी

बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थापित है हरदेवलाल बाबा का ऐसा मंदिर जहां भक्त मन की मुराद पूरी होने पर बाबा को सीमेंट और मिट्टी के बने घोड़े और हाथी भेंट करते हैं। दरअसल, बालोद जिले के डेंगरापार गांव में स्थित 300 साल पुराने मंदिर में बाबा हरदेवलाल की पूजा की जाती है। हर […]

Author Edited By : Yashodhan Sharma Updated: Oct 12, 2022 12:16
Hardevlal temple balod

बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थापित है हरदेवलाल बाबा का ऐसा मंदिर जहां भक्त मन की मुराद पूरी होने पर बाबा को सीमेंट और मिट्टी के बने घोड़े और हाथी भेंट करते हैं।

दरअसल, बालोद जिले के डेंगरापार गांव में स्थित 300 साल पुराने मंदिर में बाबा हरदेवलाल की पूजा की जाती है। हर साल नवरात्र दशहरा समाप्त होने के बाद पड़ने वाले मंगलवार को विशेष पूजा अर्चना कर हरदेव बाबा को घोड़े और हाथी चढ़ाए जाते हैं।

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मेले का भी होता है आयोजन

यहां इसी दिन मेले का भी आयोजन होता है, जहां हजारों भक्त अपनी मुराद लेकर बाबा के मंदिर में पहुचते हैं। क्षेत्र के लोग हर शुभ कार्य से पहले बाबा के मंदिर में माथा टेक करते हैं, कार्य का शुभारम्भ करते हैं।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण बताते हैं कि सन 1876 में घिना डेम बना मंदिर भी उसी समय का है और मंदिर डेम से लगा हुआ है। आसपास के लोग तीन पीढ़ी से इस मंदिर में पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। आज भी इस मंदिर में मेला लगा और 450 से अधिक घोड़े ओर हाथी मंदिर में चढ़ाए गए हैं।

मंदिर की ऐतिहासिक कहानी, ग्रामीणों की जुबानी

मंदिर में विराजमान हरदेव लाल बाबा के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि 300 साल पहले एक व्यक्ति घोड़े में सवार होकर आया था। वह विक्षिप्त और बीमार लोगों का इलाज करता था और जिनके बच्चे नहीं होते थे वह लोग उनके पास आते थे और कुछ समय बाद वे गायब हो गए थे।

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इसके बाद से उस जगह बाबा हरदेव लाल की पूजा अर्चना की जाने लगी, जो आज तक लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है जहां मन मांगी मुरादें लोगों की पूरी होती हैं।

वहीं घोड़े चढ़ाने की मान्यता के बारे में लोग बताते हैं कि बाबा हरदेव लाल के मंदिर में वे पहुंचते हैं और अपनी मुराद पूरी होने पर घोड़े चढ़ाते हैं ताकि बाबा उन घोड़ों की सवारी कर सकें।

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First published on: Oct 11, 2022 07:33 PM

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