बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में दो बेटियों ने अपने पिता के खिलाफ इंसाफ की जंग लड़ी और उसे उम्रकैद की सजा दिलाई। आरोपी ने बेटा पैदा न होने पर अपनी बेटियों के सामने पत्नी को जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी। तभी से कोर्ट में आरोपी के खिलाफ मुकदमा चल रहा था। दोनों बेटियों की गवाही पर कोर्ट ने पिता को सजा के साथ आर्थिक दंड भी लगाया। बेटियों की इस लड़ाई की हर जगह चर्चा है।
पांच बार अन्नू का गर्भपात कराया था
जानकारी के मुताबिक ओमवती देवी ने 14 जून 2016 को बुलंदशहर जिला पुलिस को एक शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया था। ओमवती ने कहा था कि उसकी बेटी अन्नू की शादी नगर के कोठियात निवासी मनोज बंसल के साथ वर्ष 2000 में की थी। मायके वालों ने अपनी हैसियत के हिसाब से दान-दहेज दिया था। शादी के बाद अन्नू को दो बेटियां (लतिका और तान्या) हुईं। आरोप है कि मनोज और उसके परिवार वालों को बेटे की चाहत थी। ओमवती ने बताया कि मनोज ने पांच बार भ्रूणलिंग जांच के बाद अन्नू का गर्भपात कराया था।
पापा ने मम्मी को जिंदा जला दिया है
उसके बाद काफी दिनों तक अन्नू अपने मायके में रही। मायके वालों ने मनोज को घर बुलाया और अन्नू को साथ ले जाने को कहा, लेकिन उसने अन्नू को साथ ले जाने से इनकार कर दिया। आरोप था कि 14 जून तो नातिन लतिका ने फोन पर अपनी ननिहाल वालों को बताया कि पापा और घर के लोगों ने मम्मी को जिंदा जला दिया है। सूचना पर मायके वाले वहां पहुंचे तो अन्नू गंभीर रूप से जली हुई थी। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से दिल्ली के लिए रैफर कर दिया गया। दिल्ली में उसकी 20 जून को मौत हो गई।
ननिहाल में रह रही हैं दोनों बेटियां
मायके वालों ने बताया कि अन्नू की मौत के बाद नानी और मामा ने दोनों बेटियों को पाला। अन्नू की मौत के समय लतिका 11वीं और छोटी बहन तान्या छठवीं में पढ़ती थीं। लतिका वर्तमान में बीएससी (अंतिम वर्ष) और तान्या 12वीं की छात्रा है। वहीं कोर्ट ने बेटा न होने पर पत्नी को जिंदा जलाकर हत्या करने के दोषी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव मलिक और पीड़िता के वकील संजय शर्मा ने बताया कि कोर्ट में आरोपी की दोनों बेटियों की गवाही अहम रही है।