---विज्ञापन---

‘ये हैं कौन?’ तेजस्वी यादव ने नमाज ब्रेक पर रोक लगाने की बताई वजह

Jumma Namaz Break Ban In Assam : असम में मुस्लिम विवाह और तलाक अनिवार्य पंजीकरण विधेयक 2024 आने के बाद अब जुम्मा की नमाज के लिए 2 घंटे की छुट्टी को बंद करने का फैसला लिया गया। इसे लेकर राजद नेता ने सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला बोला।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Aug 30, 2024 18:29
Share :
CM Himanta Bisma Sarma-Tejashwi Yadav
तेजस्वी यादव का सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना।

Tejashwi Yadav Statement On Jumma Namaz Break : असम विधानसभा में जुम्मा की नमाज के लिए 2 घंटे के ब्रेक पर रोक लगा दी गई। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी और इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। इसे लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद के नेता तेजस्वी यादव ने असम सरकार पर निशाना साधता हुए कहा कि ये हैं कौन?

सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए लिया गया यह फैसला : तेजस्वी यादव

असम विधानसभा में 2 घंटे का जुम्मा अवकाश खत्म होने पर तेजस्वी यादव ने सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि असम के जो मुख्यमंत्री हैं, वो सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह से करते हैं। ये हैं कौन? ये सिर्फ सस्ती लोकप्रियता चाहते हैं। भाजपा के लोग मुस्लिम भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बनाते हैं। कभी वक्फ बोर्ड का बिल आ जाता है तो कभी सीएए-एनआरसी।

यह भी पढ़ें : असम में काजी और मौलाना की पावर छिनी, सीएम हेमंत बिस्सा सरमा ने उठाया ये बड़ा कदम

अल्पसंख्यकों को तंग-परेशान करते हैं : पूर्व डिप्टी सीएम

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि भाजपा के लोग किसी न किसी प्रकार से अल्पसंख्यकों को तंग करते हैं। समाज में नफरत और घृणा पैदा करना चाहते हैं। इन लोगों को पता होना चाहिए कि देश की आजादी में सभी धर्म के लोगों ने कुर्बानी दी थी, जिसमें मुस्लिम भाई भी शामिल थे। ऐसे में उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता है। संविधान के अनुसार, इस देश में सभी धर्म को समानता है और हर धर्म की मान्यता है।

यह भी पढ़ें : असम विधानसभा में नमाज ब्रेक पर रोक, CM हिमंत बिस्वा सरमा ने क्यों लिया यह फैसला?

जानें सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए हर शुक्रवार सदन को जुम्मे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को खत्म कर दिया गया। मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने 1937 में इस प्रथा की शुरुआत की थी। भारत के प्राचीन धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रखने के इस प्रयास के लिए असम विधानसभा के सभापति बिस्वजीत दैमारी और सदन के सदस्यों को मेरा आभार।

HISTORY

Written By

Deepak Pandey

First published on: Aug 30, 2024 05:44 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें